बंदायू: जिला अस्पताल में डॉक्टर्स की भारी कमी के चलते मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिला अस्पताल में जनरल सर्जन, फिजीशियन, एनेस्थेटिक, हार्ट स्पेशलिस्ट, स्किन स्पेशलिस्ट, कार्डियोलॉजिस्ट व पैथोलॉजिस्ट डॉक्टर की कमी है जबकि इमरजेंसी में चार ईएमओ की जगह दो ईएमओ तैनात हैं.


डॉक्टर्स की कमी होने की वजह से जिला अस्पताल अवस्थाएं हुई हैं और यहां आने वाले मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. गंभीर मरीजों को यहां मौजूद डॉक्टर या तो हायर सेंटर या फिर मेडिकल कॉलेज रेफर कर रहे हैं. डॉक्टर की कमी के बारे में जब जिला अस्पताल के प्रभारी सीएमएस डॉक्टर कप्तान सिंह से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि कई बार शासन को लिखकर डॉक्टर की कमी के बारे में अवगत कराया गया है. उन्हें आश्वासन मिलता है कि जल्दी डॉक्टरों की कमी पूरी की जाएगी. उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल में पिछले काफी समय से कुछ स्पेशलिस्ट रिटायर हुए लेकिन उनकी जगह नए स्पेशलिस्ट नहीं आए जिसकी वजह से अवस्थाएं हैं. उन्होंने ये भी कहा कि कुछ स्पेशलिस्ट जिला अस्पताल से नौकरी छोड़ कर अन्य अस्पतालों में नौकरी कर रहे हैं.


लंबी छुट्टी पर है फिजिशियन


जिला अस्पताल में तैनात फिजीशियन एसएन कमल किडनी की गंभीर बीमारी से ग्रस्त होने की वजह से लंबी छुट्टी पर चल रहे हैं. प्रभारी सीएमएस ने बताया कि 40% से ऊपर मरीज फिजिशियंस से संबंधित आते हैं. फिजिशियन ना होने की वजह से मरीजों को या तो बरेली के जिला अस्पताल या फिर बदायूं की मेडिकल कॉलेज रेफर किया जाता है. उन्होंने कहा कि फिजिशियन के स्वास्थ्य ठीक होने के बाद ही जिला अस्पताल में फिजिशियन की कमी पूरी हो पाएगी.


कई डॉक्टर इस्तीफा देकर कर रहे हैं दूसरे अस्पताल में कर रहे काम


जिला अस्पताल में तैनात कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर जीपीएस पिछले काफी समय जिला अस्पताल से इस्तीफा देकर प्राइवेट अस्पताल में तैनात हैं. इसके अलावा हाल ही में जनरल सर्जन डॉक्टर रिशिम अग्रवाल ने इस्तीफा दिया. वहीं. ईएनटी सर्जन डॉ. चक्रेश ने जिला अस्पताल से इस्तीफा देकर राजकीय मेडिकल कॉलेज में नौकरी ज्वाइन की है.


एनेस्थेटिक न होने से गंभीर मरीजों को दिक्कत


जिला अस्पताल में एनेस्थेटिक न होने से जिला अस्पताल में आने वाले गंभीर ऑपरेशन वाले मरीजों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. जिला अस्पताल में तैनात एनेस्थेटिक डॉ अमित वार्ष्णेय का किसी कारण के चलते गैर जनपद तबादला कर दिया गया था लेकिन उन्होंने भी राजकीय मेडिकल कॉलेज में नौकरी ज्वाइन कर ली. जिसकी वजह से जिला अस्पताल में आने वाले एक्सीडेंटल व ऑपरेशन के गंभीर मरीजों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.


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