गुवाहाटी: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने असम पुलिस पर फर्जी मुठभेड़ का आरोप लगाने वाली एक शिकायत पर मंगलवार को राज्य के पुलिस महानिदेशक से चार सप्ताह के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) देने के लिये कहा.


नयी दिल्ली के एक वकील आरिफ जवादर द्वारा दायर शिकायत पर संज्ञान लेते हुए एनएचआरसी ने अपनी रजिस्ट्री को शिकायत की एक प्रति संबंधित प्राधिकरण (डीजीपी, असम) को भेजने का निर्देश दिया, जिसमें चार सप्ताह के भीतर एटीआर पेश करने के लिये कहा गया है.


चार सप्ताह के भीतर नोटिस की कॉपी उपलब्ध कराने के निर्देश


आयोग ने डीजीपी को भेजे गए एक ईमेल में यह भी पूछा कि क्या उन्हें इसी मुद्दे पर राज्य मानवाधिकार आयोग से कोई नोटिस, आदेश आदि प्राप्त हुआ है. यदि हां, तो उसकी एक प्रति भी चार सप्ताह के भीतर उपलब्ध कराएं.


असम मानवाधिकार आयोग (एएचआरसी) ने जुलाई के मध्य में मीडिया में आईं खबरों का स्वत: संज्ञान लिया था. खबरों में कहा गया था कि पिछले दो महीनों में पुलिस द्वारा की गई गोलीबारी में 12 आरोपियों की मौत हुई है.


हस्तक्षेप करने का आयोग से किया गया था अनुरोध


जवादर ने 16 जुलाई को एनएचआरसी के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें मई में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व वाली भाजपा की नयी सरकार के गठन के बाद से राज्य में कथित फर्जी पुलिस मुठभेड़ों की संख्या में वृद्धि का आरोप लगाया गया था. आयोग से मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया गया था.


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