Mahua Moitra Expelled: तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ ‘पैसे लेकर सवाल पूछने’ के मामले में शुक्रवार को लोकसभा की आचार समिति की रिपोर्ट के आधार पर एक्शन हुआ है. ‘अनैतिक एवं अशोभनीय आचरण’ के लिए सदन की सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया. हालांकि ये कोई पहला मौका नहीं है जब ‘पैसे लेकर सवाल पूछने’ लेकर सवाल पूछने के मामले में एक्शन हुआ. इससे पहले यूपी के तीन सांसदों समेत 11 सांसदों की सदस्यता चली गई थी.


दरअसल, 18 साल पहले यानी 2005 में भी ऐसा ही हुआ था. तब 24 दिसंबर 2005 को 11 सांसदों की सदस्यता रद्द कर दी गई थी, इन 11 सांसदों में बसपा के 3 सांसद भी शामिल थे. जिन 11 सांसदों को निष्कासित किया गया था उनमें 10 सांसद लोकसभा और एक सांसद राज्यसभा से शामिल थे. हालांकि तब कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए की सरकार सत्ता में थी. पैसा लेकर सवाल पूछने का खुलासा स्टिंग ऑपरेशन के जरिए हुआ था.


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ये तीन सांसद हुए थे निष्कासित
दुर्योधन स्टिंग ऑपरेशन 12 दिसंबर 2005 हो हुआ, इस ऑपरेशन से सियासी भूचाल मच गया. स्टिंग ऑपरेशन में सांसदों को पैसा लेकर सवाल पूछने का इच्छूक बताया गया. इसमें बीजेपी के छह सांसद, बसपा के 3 सांसद, राजद के एक सांसद और कांग्रेस के एक सांसद शामिल थे. बसपा के तीनों सांसद यूपी से थे, तीन सांसदों में नरेंद्र कुशवाहा, लाल चंद्र कोल और राजाराम पाल शामिल थे. इन्हें संसद में वोटिंग के जरिए निष्कासित किया गया था.


जब 11 सांसदों को संसद से निष्कासित किया गया था, तब लोकसभा के स्पीकर सोमनाथ बनर्जी थे. उस वक्त लोकसभा स्पीकर ने सांसदों को उनका पक्ष रखने का मौका नहीं दिया था. हालांकि पैसा लेकर सवाल पूछने पर लोकसभा से निष्कासित होने वाले पहले सांसद कांग्रेस के एसजी मुगदल थे. 1951 में एसजी मुगदल को निष्कासित किया गया था. उनपर उद्योगपति से पैसा लेकर सवाल पूछने का आरोप लगा था.