Minimum Income Bill: राजस्थान में शहरी और ग्रामीण इलाकों में साल में 125 दिन रोजगार के अलावा बुजुर्गों और दिव्यांगों को हर महीने न्यूनतम एक हजार रूपए की पेंशन की गारंटी देने वाला विधेयक शुक्रवार को विधानसभा में पारित किया गया. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसे 'एक नए युग की शुरुआत' करार देते हुए कहा कि देश में पहली बार इस तरह की पहल की गई है. अब इसपर बीएसपी चीफ मायावती की प्रतिक्रिया आई है. 


मायावती ने कहा, "राजस्थान की कांग्रेस सरकार द्वारा विधानसभा आमचुनाव से ठीक पहले न्यूनतम आय गारण्टी योजना आदि की घोषणा करना यह जनहित का कम तथा इनके राजनीतिक स्वार्थ का फैसला ज्यादा. इससे गरीब जनता को तुरन्त राहत मिलना मुश्किल, फिर भी केवल प्रचार पर सरकारी धन का भारी खर्च करना क्या उचित?"


बीएसपी चीफ ने कहा, "वैसे तो गहलोत सरकार अपने पूरे कार्यकाल कुंभकर्ण की नींद सोती रही और आपसी राजनीतिक उठापटक में ही उलझी रही, वरना जनहित व जनकल्याण से जुड़े अनेकों कार्य प्रदेश की जनता की गरीबी, बेरोजगारी, उनके पिछड़ेपन व तंगी के हालात के कारण सरकार द्वारा काफी पहले ही शुरू कर देना जरूरी था."



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राजस्थान न्यूनतम आय गारंटी विधेयक
विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने कहा कि राजस्थान न्यूनतम आय गारंटी विधेयक-2023 लाया गया है. उन्होंने कहा कि कानून बनाकर इस तरह की सामाजिक सुरक्षा की गारंटी देने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य है. मंत्री ने कहा कि इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत शहरी परिवारों को भी 125 दिवस का रोजगार मिलने की गारंटी होगी.


शांति कुमार धारीवाल ने कहा कि कानून बन जाने के बाद उपरोक्त प्रावधान जनता को अधिकार के रूप में प्राप्त हो जाएंगे और इस बेमिसाल और ऐतिहासिक कानून से आमजन को बेतहाशा बढ़ती महंगाई से राहत भी मिलेगी. एक वर्ष में 125 दिवस का रोजगार और सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं के तहत प्रतिमाह न्यूनतम एक हजार रुपये पेंशन की गारंटी देने के लिए महात्मा गांधी न्यूनतम आय गारंटी योजना शुरू होगी.