• Doctor Kafeel Khan Case: गोरखपुर के बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज (BRD Medical College) में तैनात महिला लिपिक को आरटीआई में गलत सूचना देने के कारण निलंबित कर दिया गया है. महिला लिपिक ने बगैर नोडल अफसर की सहमति से ही सूचना दे दी थी. जिस कारण डॉ. कफील को हाईकोर्ट में इसका फायदा मिल गया. 


दरअसल, ऑक्सीजन कांड के आरोपी डॉ. कफील खान जब जेल में थे, तो उन्होंने अधिवक्ता रहमतुल्लाह की ओर से आरटीआई के तहत बीआरडी मेडिकल कॉलेज से कुछ डिटेल मांगी थी. आरटीआई से मांगी गई सूचना बगैर नोडल अफसर के सहमति के गलत तथ्यों के साथ दे दी गई. बीआरडी मेडिकल कॉलेज की महिला लिपिक ने ये सूचना वर्ष 2018 में दी थी. 


बीआरडी प्रशासन ने डॉ. कफील के प्रार्थना पत्र से शासन को अवगत करा दिया, लेकिन शासन की ओर से इस दिशा में कोई दिशा निर्देश प्राप्त नहीं हुआ. बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. गणेश कुमार ने बताया कि इस बीच महिला लिपिक मंजुला ने आरटीआई के नोडल अधिकारी के सहमति के बगैर ही सूचना डॉ. कफील खान के अधिवक्ता रहमतुल्लाह को दे दी. इस सूचना में सही तथ्य भी नहीं दिए गए, जिसका फायदा उन्हें अदालत में हुआ. जांच में दोषी पाए जाने पर महिला लिपिक मंजुला को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. साथ ही उसके खिलाफ विभागीय जांच के भी आदेश दिए गए हैं.


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