Lok Sabha Election 2024: यूपी में सपा कांग्रेस गठबंधन में कानपुर सीट कांग्रेस के खाते में आई है. जिसके बाद बीजेपी में भी हलचल बढ़ गई है, कांग्रेस इस सीट पर अपने संभावित कद्दावर नेता और पूर्व विधायक अजय कपूर को मैदान में उतरने का मन बना रही है. अजय कपूर एक मजबूत दावेदार कांग्रेस के रूप में साबित हो रहे हैं ऐसे में बीजेपी इस सीट को जीतने के लिए अजय कपूर के सामने उनके रिश्तेदार और विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना को टक्कर देने के लिए मैदान में उतार सकती है.


कानपुर लोकसभा कभी कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थी. यहाँ से तीन बार लगातार कांग्रेस के सांसद रह चुके हैं. इस सीट पर कांग्रेस के श्री प्रकाश जायसवाल और पूर्व कोयला मंत्री ने यहां इस सीट पर बीजेपी को पनपने नहीं दिया था. लेकिन, 2014 के चुनाव में कांग्रेस को इस सीट से बेदखल करने के लिए बीजेपी ने बड़े दिग्गज मुरली मनोहर जोशी को मैदान में उतारकर इस पर क़ब्ज़ा कर लिया था. इसके बाद 2019 में मुरली मनोहर जोशी से ये सीट बीजेपी के सत्यदेव पचौरी को मिली थी जहां उन्होंने जीत हासिल की थी.  


इस दिग्गज पर दांव लगा सकती कांग्रेस
कांग्रेस एक बार फिर गठबंधन के माध्यम से अपनी खोई हुई इस सीट को जीतना चाहती है. माना जा रहा है कि पार्टी यहां दिग्गज नेता अजय कपूर पर दांव लगा सकती है. अजय कपूर व्यापारी होने के साथ सिंधी हैं और पंजाबी मतदाताओं के साथ अन्य जातियों पर भी मजबूत पकड़ रखते हैं. लेकिन, कांग्रेस के इस संभावित प्रत्याशी को लेकर बीजेपी के खेमे में हलचल बढ़ती हुई नजर आ रही है. 


बीजेपी के वर्तमान सांसद सत्यदेव पचौरी 70 की उम्र पार कर चुके हैं और इस सीट पर बीजेपी को कमजोर दावेदार के रूप में नजर आ रहे हैं जिसके चलते बीजेपी 2024 लोकसभा चुनाव में कानपुर सीट पर कानपुर के पूर्व विधायक और विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना के लिए इस सीट पर मन बना रही है. इस सीट पर महाना को मैदान में उतरने की एक बड़ी वजह ये है की सतीश महाना कांग्रेस के संभावित प्रत्याशी अजय कपूर के सगे साढ़ू भाई हैं. उनके मैदान में उतरने से अजय कपूर की ताकत आधी हो जायेगी. माना जा रहा है महाना के आगे अजय कपूर अपनी दावेदारी पीछे कर सकते हैं जिससे कांग्रेस के पास कोई मजबूत दावेदार नहीं बचेगा. 


कांग्रेस नेता अजय कपूर ने अपनी विधानसभा में हारने के बाद गोविंदनगर सीट पर बीजेपी के महेश त्रिवेदी ने अपना कब्जा बना लिया था जिसके बाद अजय का वर्चस्व लगातार कम हो रहा था. वहीं महाना से रिश्तेदारी के बीत इस तरह की ख़बरें भी चर्ची में रहीं कि, अजय कपूर उनके जरिए बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. लेकिन, किसी बड़े पद और दायित्व के न मिलने से ये डील हवा में ही रह गई. हालाकि इसकी आधिकारिक पुष्टि कभी नही हुई. अब देखना ये होगा की क्या कांग्रेस अजय कपूर पर दांव लगाती है. क्या अजय के सामने बीजेपी उनके रिश्तेदार और विधान सभा अध्यक्ष सतीश महान को उनके सामने लड़ाने की तैयारी कर चुकी हैं. 


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