बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी घमासान अपने चरम पर है. एनडीए और महागठबंधन ने प्रचार में अपना दम लगा रखा. लेकिन इस प्रचार में यूपी को लेकर बड़ी दिलचस्प लड़ाई देखने को मिल रही हैं. एक तरफ सीएम योगी आदित्यनाथ प्रदेश में निवेश और माफियाराज को खत्म करने का दम भर रहे हैं तो वहीं विपक्षी दल दलित उत्पीड़न और जाति के मुद्दे को जमकर हवा दे रही हैं.
बिहार विधानसभा चुनाव में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और उनके मंत्रिमंडल के सदस्य प्रचार में जुटे हुए हैं, तो वहीं दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी के मुखिया ने महागठबंधन के समर्थन में चुनाव प्रचार की कमान संभाली हुई हैं. यूपी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय भी अपनी टीम के साथ पूर्वांचल के जिलों में डेरा जमाए हुए हैं. दोनों ओर से एक दूसरे पर सियासी शब्दबाण जमकर चलाए जा रहे हैं.
बिहार चुनाव में छाए यूपी के मुद्दे
सीएम योगी अपनी जनसभाओं में विरोधियों पर जहां भ्रष्टाचार और जंगलराज को लेकर हमले कर रहे हैं तो वहीं ये भी बताने से नहीं चूकते कि उनकी सरकार आने के बाद यूपी में क्या-क्या बदलाव आए हैं. पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी-गोरखपुर में क्या काम हुए, एक्सप्रेस वे से लेकर एयरपोर्ट बने जिससे दोनों राज्यों (यूपी-बिहार) की दूरी कम हुई.
सीएम योगी ये बताने की कोशिश कर रहे हैं कि यूपी में निवेश, रोज़गार और धार्मिक पर्यटन बढ़ा जिससे राज्य तेजी से आगे बढ़ रहा है. अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस, लूट, हत्या, डकैती और दंगों से मुक्ति मिली, माफियाओं को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया.
एनडीए और महागठबंधन में जुबानी जंग
वहीं दूसरी तरफ सपा और कांग्रेस राज्य में दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न की घटनाओं को उठा रहे हैं. रायबरेली किस तरह दलित के साथ दुर्व्यवहार हुआ और उसकी पीटकर हत्या कर दी गई, महिलाओं के साथ उत्पीड़न की घटनाएं बढ़ी हैं. विपक्ष ये भी बता रहा है कि नीतीश भले ही सीएम हैं लेकिन असली चाबी बीजेपी के हाथ में हैं.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तो बीजेपी को दंगे कराने और सांप्रदायिक ताकतें बढ़ाने का मास्टर तक बता दिया. तो वहीं कांग्रेस नेता अजय राय ने पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर हमला करते हुए कहा कि दो गुजराती यूपी के बाद अब बिहार को तबाह करने में लगे हैं.
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