Basti News: देश में नागरिकता संशोधन कानून लागू होते ही पुलिस अफसर अलर्ट मोड में आ गए और संवेदनशील इलाकों में गश्त शुरू कर दिया. ताकि इस कानून को लेकर अराजक तत्वों के द्वारा कोई अप्रिय घटना को न कारित किया जा सके. बस्ती जनपद में भी पुलिस अधीक्षक खुद फोर्स लेकर कई किलोमीटर सड़को पर पैदल मार्च करते नजर आए और लोगों को सुरक्षा का एहसास कराया. एसपी ने मुस्लिम बाहुल्य इलाके में खास तौर पर चौकसी बढ़ाने का निर्देश दिया है.



नागरिकता संशोधन अधिनियम (2019) के दृष्टिगत पुलिस अधीक्षक बस्ती द्वारा अपर पुलिस अधीक्षक बस्ती व क्षेत्राधिकारी सदर के साथ थाना पुरानी बस्ती क्षेत्रांतर्गत पैदल मार्च किया गया. नागरिकता संशोधन अधिनियम (2019) के दृष्टिगत एसपी गोपाल कृष्ण चौधरी अपर पुलिस अधीक्षक व क्षेत्राधिकारी सदर के साथ थानाध्यक्ष पुरानी बस्ती मय पुलिस बल के साथ जनपद के संवेदनशील भीड़-भाड़ वाले स्थानों जैसे प्रमुख बाजार, प्रमुख चौराहों आदि महत्वपूर्ण स्थानों पर पैदल मार्च कर आम जन से संवाद स्थापित किया.

2019 में हुआ था नागरिकता कानून में संशोधन
साल 2019 में केंद्र सरकार ने नागरिकता कानून में संशोधन किया था. इसमें अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से 31 दिसंबर 2014 से पहले आने वाले छह अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान किया गया था. नियमों के मुताबिक, नागरिकता देने का अधिकार केंद्र सरकार के हाथों में होगा. पड़ोसी देश अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदू, सिख, जैन, पारसी, बौद्ध और ईसाई समुदायों से आने वाले प्रवासियों को भारतीय नागरिकता देने के लिए 1955 के नागरिकता अधिनियम में संशोधन किया गया है.

क्या है नागरिकता संशोधन कानून
ऐसे प्रवासी नागरिक, जो अपने देशों में धार्मिक उत्पीड़न से तंग आकर 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में आकर शरण ले चुके हैं उन्हें अवैध प्रवासी माना गया है. जो भारत में वैध यात्रा दस्तावेज (पासपोर्ट और वीजा) के बगैर घुस आए हैं या फिर वैध दस्तावेज के साथ तो भारत में आए हैं, परन्तु तय अवधि से ज्यादा समय तक यहां रुक गए हों. अब नागरिकता संशोधन कानून लागू होने से उनके भारतीय नागरिक बनने का रास्ता साफ हो गया है.


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