Mukhtar Ansari News: वाराणसी के MP-MLA कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को 36 साल पुराने बंदूक के फर्जी लाइसेंस मामले में बांदा कारागार से मुख़्तार अंसारी को वीसी के जरिये विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) अवनीश गौतम की अदालत में पेश किया गया. मुख्तार अंसारी आर्म्स एक्ट के तहत दोषी पाया गया. सजा के बिंदु पर कल बुधवार 13 मार्च को दोपहर बाद सुनवाई होगी. वहीं भ्रष्टाचार के मामले में मुख्तार अंसारी दोषमुक्त किया गया. 36 साल पुराने मामले में पूरा मामला असलहा लाइसेंस में धोखाधड़ी का मामला है.


मुख्तार अंसारी पर डीएम और एसपी का फर्जी हस्ताक्षर कर लाइसेंस लेने का आरोप है.बांदा जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए माफिया मुख्तार अंसारी की पेशी हुई.इस केस में अब तक 10 लोगों की गवाही हो चुकी है.मुख्तार अंसारी पर फर्जी तरीके से असलहे का लाइसेंस लेने का आरोप है.इस मामले में पूर्व मुख्य सचिव और पूर्व डीजीपी भी गवाही दे चुके है. 


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इन धाराओं में दर्ज था मामला
धारा 428,467,468,120B भारतीय दंड संहिता व धारा 30आर्म्स एक्ट मे दोषसिद्ध किया गया और धारा 13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में दोषमुक्त किया गया.


 उक्त मामले में मुख्तार अंसारी पर यह आरोप था कि वह तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट आलोक रंजन व  तत्कालीन पुलिस अधीक्षक गाजीपुर देवराज के फर्जी कूट रचित हस्ताक्षर बनवाकर शस्त्र लाइसेंस प्राप्त किया था उक्त मामला सन 1990 में पंजीकृत किया गया जिसकी विवेचना सीबीसीआईडी द्वारा की गई बाद विवेचना उक्त मामले में मुख्तार अंसारी व तत्कालीन शास्त्र लिपिक गौरी शंकर लाल के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया गया.


अभियुक्त पर आरोप पत्र में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा का भी आरोप होने के कारण उक्त मामले का विचारण विशेष क्षेत्राधिकार प्राप्त न्यायालय वाराणसी में प्रचलित रहा इसी बीच अश्वनी उपाध्याय बनाम भारत संघ के मामले में माननीय  उच्चतम न्यायालय के आदेश से उक्त मामला विशेष न्यायालय एमपी/एमएलए के न्यायालय में विचाराधीन रहा जिसमें आज फैसला आया है.