देश भर में इन दिनों अग्निवीर योजना (Agniveer Yojana) के लॉन्च होने पर बवाल मचा है तो वहीं इस बीच सेना में अग्निवीरों की भर्ती की प्रक्रिया आज से शुरू हो गयी है लेकिन सेना भर्ती की तैयारी कर रहे देश भर के तमाम युवाओं के मन में कई बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बाराबंकी (Barabanki) जिले के युवाओं का कहना है कि देश की सेवा के लिए चार साल क्या वह चार दिन के लिए भी जाने को तैयार हैं लेकिन अगर वह उसमें सफल नहीं हुए तो उनके और उनके परिवार के भविष्य को लेकर सरकार तय करे कि आगे वह क्या करेंगे? 


और क्या मांग है युवाओं की
यह युवा अग्निवीर योजना के साथ-साथ नौकरी में भी आरक्षण की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि उन्हें आरक्षण के तहत नौकरी में प्राथमिकता मिले, जिससे 4 साल बाद वह दूसरी जगह नौकरी कर सकें. वहीं कई युवा सेना भर्ती के लिए काफी दिनों से लटकी लिखित परीक्षा की भी मांग कर रहे हैं. इनका कहना है कि उनके घरों में बहनों की शादी रुकी हुई है क्योंकि जब तक वह अपने पैर पर खड़े नहीं होंगे, तब तक उनके घरों में खुशियां नहीं आएंगी.


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भविष्य को लेकर चिंतित हैं युवा
दरअसल उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में भी बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं सेना भर्ती की तैयारी कर रहे हैं. इस बीच सरकार द्वारा अग्निवीर योजना लाने को लेकर उनके मन में तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं. यह युवा अग्निवीर योजना आने से हताश तो नहीं हैं लेकिन अपने भविष्य को लेकर जरूर चिंतित हैं. इन युवाओं का कहना है कि सरकार जिस तरह चार साल के लिए उन्हें देश सेवा का मौका दे रही है वह बहुत है क्योंकि चार साल तो क्या वह चार दिन के लिए भी देश की सेवा करने को तैयार हैं. इन युवाओं के मन में सरकार की अग्निवीर योजना के तहत चार साल के लिए सेना में जाने के बाद आगे के भविष्य को लेकर तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं.


नौकरी में मिले आरक्षण-युवा
इन युवाओं का कहना है कि वह देश की सेवा के लिए हर कीमत पर हर समय तैयार हैं लेकिन उनके ऊपर देश सेवा के साथ-साथ परिवार की भी बड़ी जिम्मेदारी है. अग्निवीर योजना के तहत 4 साल देश की सेवा करने के बाद वे क्या करेंगे और अपना परिवार कैसे चलाएंगे इसको लेकर वे चिंतित हैं. उनका कहना है कि सरकार को इस तरफ भी ध्यान देना चाहिए. सेना भर्ती की तैयारी कर रहे इन युवाओं का कहना है जब हम 4 साल देश की सेवा कर लें उसके बाद हमें हर नौकरी में आरक्षण के तहत प्राथमिकता मिलनी चाहिए. जिससे चार साल बाद उन्हें दोबारा नौकरी मिल सके.


लिखित परीक्षा की भी मांग कर रहे
वहीं कई युवा सेना भर्ती के लिए काफी दिनों से लटकी लिखित परीक्षा की भी मांग कर रहे हैं. इनका कहना है कि वे लोग सुप्रीम कोर्ट तक लिखित परीक्षा कराने के लिए याचिका दायर कर चुके हैं लेकिन अब तक लिखित परीक्षा को लेकर सरकार कोई भी निर्णय नहीं ले सकी है. इन युवाओं का कहना है कि उनके घरों में बहनों की शादी रुकी हुई है कि उनके भाई की लिखित परीक्षा हो और वे अपने पैर पर खड़े हो सकें और उसके बाद उनके घर में बहन की शादी हो. ऐसे में सरकार को उन युवाओं के बारे में भी सोचना चाहिए, जिससे सालों से रुकी लिखित परीक्षा हो, और उनका सेना में जाने का सपना सच हो सके.


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