Uttar Pradesh News: अमेरिका हो या फिर इंग्लैंड वे मानवाधिकार संरक्षण की बड़ी-बड़ी बातें करते हैं लेकिन भारत भी मानवाधिकार संरक्षण (Human Rights Protection) या इंसानियत के रिश्तों को निभाने में किसी से पीछे नहीं है. ऐसा ही एक उदाहरण उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले के जिला कारागार (Balrampur District Jail) में देखने को मिला है जहां जेल में बंद बंदियों या जेल में पैदा होने वाले बच्चों के मानवाधिकार को लेकर मानवता और उदारता का परिचय देते हुए नई मिसाल पेश की गयी है. 


धूमधाम से मनाया गया जश्न
यहां जिला कारागार में बंद एक गर्भवती महिला बन्दी के नवजात शिशु का न सिर्फ जन्म कराया गया बल्कि महिला बैरक को फूल-मालाओं और गुब्बारों से सजाया भी गया और लोक गायन व नृत्य के साथ तमाम उपहार और खिलौने बच्चे को दिए गए. बच्चे के पैदा होने पर जेल अधिकारियों और कर्मचारियों ने जेल में बंद बंदियों के साथ नवजात शिशु के छठी का जश्न भी घूमधाम से मनाया .


जेल प्रशासन कर रहा था देखभाल
माया देवी को एक मामले में मार्च माह में जेल में निरुद्ध किया गया था. जब माया देवी जेल लायी गयी तो गर्भावस्था में थी जिसकी देखभाल जेल प्रशासन द्वारा की जा रही थी. मायादेवी की नियमित जांच के साथ-साथ नवजात का स्वस्थ अवस्था में जन्म के लिये पौष्टिक आहार भी दिया जाता रहा. 19 अगस्त को मायादेवी ने एक बच्चे को जन्म दिया. बच्चे के जन्म होने पर जेल प्रशासन के साथ-साथ महिला बन्दियों में खुशी की लहर दौड़ गयी. सभी ने मिलकर मायादेवी को बधाई दी.


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मायादेवी की आंखों में खुशी के आंसू
नवजात की छठी पड़ी तो महिला बैरक को गुब्बारों और फूलों से सजाया गया. महिलाओं ने मायादेवी का सिंदूर भरा, नवजात के लिये जेल प्रशासन द्वारा झूला झूलने के लिये पालना और खिलौने की व्यवस्था की गई. नवजात बच्चे के लिये नए वस्त्र और मां के लिये नई साड़ी मंगाकर पहनाई गयी. मां और बच्चे के लिये उपहार भी भेंट किया गया. महिला बंदियों ने सोहर गया और नृत्य किया. पूरे हिन्दू रीति रिवाज के साथ छठी का जश्न मनाया गया. महिला बन्दियों द्वारा किये गए आदर सत्कार और जेल प्रशासन की उदारता से मायादेवी की आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े.


जेल अधीक्षक ने क्या बताया
जेल अधीक्षक कुंदन कुमार ने बताया कि, बिहार की रहने वाली महिला बन्दी माया देवी को मार्च महीने में गर्भावस्था में जेल लाया गया था. तब से लगातार उसकी देखभाल की जा रही थी. 19 अगस्त को जेल चिकित्सा अधिकारी रत्नसेन की देखरेख में माया देवी के बच्चे का जन्म हुआ. उन्होंने बताया कि नवजात और प्रसूता के मानसिक और स्वास्थ्य पर कोई कुप्रभाव न पड़े इसलिये छठी का कार्यक्रम कर घर जैसा वातावरण देने की कोशिश की गई है. जेल में बंद विचाराधीन कैदियों के मौलिक अधिकार का हनन न हो इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है.


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