Ram Mandir Pran Pratishtha: अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा आयोजन को लेकर तैयारियां उत्साह के साथ पूरी की जा रहे हैं. सिर्फ अयोध्या ही नहीं बल्कि देश-विदेश के उन स्थलों पर भी लोग इस आयोजन को लेकर खासा उत्साहित हैं जहां से प्रभु श्रीराम की जीवन लीलाएं जुड़ी हैं. इसी क्रम में विश्व के प्राचीन शहर काशी से भी महाभारत काल और रामायण काल से जुड़े अनेक ऐसे प्रसंग हैं जो बताते हैं कि हिंदू देवी देवताओं ने काशी में लंबी अवधि तक निवास किया था.


प्रभु राम ने एक वर्ष तक काशी में किया था निवास


काशी के रामघाट के निवासी और चारों वेदों के ज्ञाता गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने एबीपी लाइव से बातचीत में बताया कि प्रभु राम की मर्जी से ही अयोध्या में उनके जन्म स्थल पर भव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है. काशी से भी उनका एक अटूट रिश्ता रहा है. धर्म ग्रंथ आनंद रामायण के यात्राकांडम छठवें सर्ग (पृष्ठ संख्या 187-188 ) में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि भगवान राम अपने पूर्वजों का श्राद्ध करने के लिए काशी के अनेक स्थलों पर पहुंचे थे और उन्होंने काशी में 1 साल तक निवास किया था. 




उन्होंने बताया था कि विधि विधान के साथ भगवान राम ने अपने पूर्वजों का तर्पण किया था और उन्हीं की स्मृतियों में रामघाट और हनुमान घाट का निर्माण कराया गया है. इसलिए विशेष तौर पर काशी के रामघाट और हनुमान घाट पर रामजी और हनुमान जी का मंदिर भी देखा जाता है. वैसे यह इसलिए भी विशेष हो जाता है क्योंकि अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में देश के साथ-साथ विदेशों में भी प्रभु राम के जीवन लीलाओं की चर्चा हो रही हैं. 




महाभारत और रामायण काल से काशी का इतिहास 


काशी विश्व की प्राचीन नगरी है और इसका प्रमाण भारतीय धर्म ग्रंथों के साथ-साथ विदेशी नामचीन पुस्तकों में भी किया गया है. इसके अलावा सनातन संस्कृति के साथ-साथ जैन, बुद्ध, सिख सहित अन्य धर्मों के भी प्राचीन ऐतिहासिक तथ्य काशी में देखी जाती है. 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले राम मंदिर प्रतिष्ठा आयोजन के अवसर पर विश्व भर के लोग भारतीय संस्कृति की तरफ देख रहे हैं. ऐसे में काशी जैसे धार्मिक स्थल पर प्रभु राम द्वारा अपने पूर्वजों का श्राद्ध करने का यह विषय, लोगों की सनातन संस्कृति के प्रति जिज्ञासा को और बढ़ा रहा है.


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