Ayodhya News: सिंहल द्वीप के राजा गंधर्व सेन और रानी चंपावती की बेटी पद्मावती (Padmavati) की शादी चित्तौड़ के राजा रतन सिंह के साथ हुई थी. इतिहास में रानी पद्मावती की सुंदरता के साथ शौर्य और बलिदान के बेमिसाल उदाहरण मिलते हैं. कहते हैं कि दिल्ली के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी को जब इसकी सूचना पहुंची तो वह किसी भी कीमत पर रानी पद्मावती को हासिल करना चाहता था. इसलिए उसने चित्तौड़ पर हमला किया और धोखे से राजा रतन सिंह की हत्या कर दी. रानी पद्मावती को जब इसकी सूचना मिली तो उन्होंने अलाउद्दीन खिलजी के हाथ ना पड़ने और अपने सतीत्व और स्वाभिमान की रक्षा के लिए 16000 महिलाओं के साथ आग में कूदकर जान दे दी.


पिछले तीन वर्षो से मनाया जा रहा है बलिदान दिवस
रानी पद्मावती की इसी जोहर गाथा को याद करने के लिए अयोध्या में पिछले तीन वर्षो से बलिदान दिवस मनाया जाता है. रानी पद्मावती के जयघोष के बीच अयोध्या में अलग-अलग स्थानों पर 16000 दीपक जलाए गए. जिसमें महिलाओं और युवाओं के साथ बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया. इस मौके पर बीजेपी के पूर्व सांसद और राम जन्मभूमि न्यास के सदस्य रामविलास दास वेदांती ने 26 अगस्त के दिन प्रदेशों की सभी राजधानियों में और दिल्ली के रामलीला मैदान में रानी पद्मावती के नाम पर जौहर दिवस स्वाभिमान दिवस और बलिदान दिवस मनाया जाने पर जोर दिया.


यही नहीं उन्होंने देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से 26 अगस्त को बलिदान दिवस घोषित करने की मांग की. वहीं पिछले 3 वर्षों से रानी पद्मावती की याद में बलिदान दिवस मनाने वाले मित्र मंच के संस्थापक शरद पाठक बाबा ने अपने इतिहास को सजोने और आने वाली पीढ़ी को बताने और पढ़ाने पर जोर दिया.


'26 अगस्त को राष्ट्रीय नारी दिवस के रूप में मनाया जाए'
पूर्व सांसद रामविलास दास वेदांती ने कहा कि रानी पद्मावती ने अपनी सतीत्व की रक्षा और भारत माता के गौरव की रक्षा के लिए, सनातन हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए दूसरे धर्म को स्वीकार नहीं किया. हमारे शास्त्रों में लिखा है स्वधर्मे निधनं श्रेय: परधर्मो भयावह: अपना धर्म भले ही निधन हो लेकिन श्रेष्ठ माना जाता है. इसलिए अपने धर्म की श्रेष्ठता के कारण रानी पद्मावती ने इस्लाम को स्वीकार नहीं किया. आज भी देश की माताओं को, बहनों को, रानी पद्मावती से शिक्षा लेनी चाहिए. मैं तो निवेदन करूंगा कि भारत की महामहिम राष्ट्रपति, भारत के माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 26 अगस्त को एक राष्ट्रीय नारी दिवस के रूप में मनाए.


मित्र मंच प्रमुख शरद पाठक बाबा ने कहा कि पद्मावती जी ने 26 अगस्त 1303 ईस्वी में राजा रतन सिंह अलाउद्दीन खिलजी के द्वारा छल से मारे जाने के बाद सनातन धर्म की रक्षा के लिए, अपने राष्ट्र की रक्षा के लिए और अपने सतीत्व की रक्षा के लिए इस्लाम ना स्वीकार करना पसंद किया और अपनी जान देना पसंद किया उन्होंने इस्लाम स्वीकार नहीं किया और उन्होंने 16000 वीरांगनाओं के साथ जोहर किया. हम लोग चाहते हैं कि 26 अगस्त का दिन न कि इतिहास के पन्नों में सिमट कर रह जाए बल्कि आने वाले समय में इसे सम्मान दिवस और स्वाभिमान दिवस के रूप में मनाया जाए.


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