Basti News: बहुचर्चित राहुल मद्धेशिया अपहरण केस में अदालत ने प्रमुख सचिव गृह और डीजीपी को आदेश दिया है कि फरार चल रहे पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी की चल-अचल संपत्ति कुर्क कराकर कुर्की कुलिंदा कोर्ट में पेश करें. शनिवार को सप्तम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एमपी-एमएलए प्रमोद कुमार गिरि की अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए तल्ख टिप्पणी की कि भगोड़ा अभियुक्त अमरमणि जान बूझकर न्यायालय के आदेश का उल्लंघन कर रहा है. अदालत में हाजिर न होकर आरोपी मामले की सुनवाई को विलंबित कर रहा है. अगली सुनवाई 15 अप्रैल को होगी.


लखनऊ और महराजगंज में अमरमणि की अचल संपत्ति पुलिस ने ज्ञात की है. उसे कुर्क करने के लिए एसपी गोपाल कृष्ण त्रिपाठी ने पांच टीमें गठित कर रखी हैं. यह प्रक्रिया बीते चार महीने से चल रही है. मामले की विवेचना करने वाली कोतवाली पुलिस गोरखपुर में अमरमणि के आवास पर जाकर धारा 82 का नोटिस चस्पा कर चुकी है. फरार आरोपी के संबंध में पुलिस की ओर से प्रमुख अखबारों में इश्तहार भी प्रकाशित कराए जा चुके हैं. अमरमणि की प्रॉपर्टी का जो ब्योरा जुटाया गया है, उसमें महराजगंज के नौतनवा में एक मकान और लखनऊ के विक्रांतखंड में 450 वर्ग मीटर का भूखंड है. उसकी कीमत एक करोड़ 18 लाख 80 हजार रुपये आंकी गई है.


क्या है पूरा मामला
22 साल पहले बस्ती के एक व्यवसायी के पुत्र के अपहरणकांड के मुख्य आरोपी अमरमणि त्रिपाठी और बस्ती पुलिस के बीच आंख मिचौली का खेल जारी है और ये हाल तब है जब कोर्ट खुद हर तारीख में बस्ती पुलिस को आदेश पर आदेश दे रही है कि अमरमणि त्रिपाठी को हर हाल में पेश करे लेकिन बस्ती पुलिस को अमनमणि त्रिपाठी खोजे नहीं मिल रही है.ऐसा नहीं है कि बस्ती पुलिस अमरमणि त्रिपाठी को पकड़ने के लिए पसीना नही बहा रही है,कोर्ट के फटकार के बाद आनन फानन में बस्ती के पुलिस अधीक्षक ने एक विशेष टीम गठित करने के साथ साथ एसओजी औऱ सर्विलांस सहित 3 टीमो को अमरमणि त्रिपाठी की गिरफ्तारी के लिए लगाया.


लेकिन बस्ती पुलिस की तमाम कोशिशों के बाद भी अमरमणि है कि मिलने का नाम नहीं ले रहा है.जिसपर कोर्ट ने अमरमणि के खिलाफ कुर्की करने का आदेश दिया था. आदेश में कार्यवाही करते हुए बस्ती पुलिस ने अमरमणि त्रिपाठी के गोरखपुर के हुमायूंपुर मुहल्ले में स्थित मकान पर नोटिस चस्पा कर दिया था कि इस नोटिस के बाद हो सकता है अमरमणि त्रिपाठी बस्ती कोर्ट में पेश हो जाए लेकिन अमरमणि तो अमरमणि ठहरे वह आज भी कोर्ट में पेश नहीं हुए.जिसपर कोर्ट ने आज एक बार फिर बस्ती पुलिस को जमकर लताड़ा.


पिछली तारीख यानी 1 नवम्बर को अमरमणि त्रिपाठी के वकील ने खराब तबियत का हवाला देते मेडिकल कोर्ट में प्रेषित किया और साथ ही अदालत से यह मांग की कोर्ट पूरे केस को फिर से रिकाल करें, जिस पर कोर्ट ने बचाव पक्ष की अर्जी को रिजेक्ट करते हुए कहा कि डिप्रेशन के आधार पर अमरमणि त्रिपाठी को पेशी से छूट नहीं दी जा सकती. उन्हें हर हाल में कोर्ट में हाजिर ही होना पड़ेगा.


2001 में अमरमणि को हुआ था वारंट जारी
आपको बता दें कि जिस केस में अमरमणि को वारंट जारी हुआ है वो केस 2001 का है. उस वक्त बस्ती कोतवाली क्षेत्र में बिजनेसमैन धर्मराज गुप्ता के बेटे का अपहरण कर लिया गया था. बाद में व्यापारी के बेटे को तत्कालीन विधायक अमरमणि के लखनऊ स्थित घर से बरामद किया गया था. इस मामले में अमरमणि समेत आधा दर्जन से ज्यादा लोग आरोपी बनाए गए थे. इसके बाद लगातार बस्ती के एमपी एमएलए कोर्ट में इस मामले का ट्रायल चल रहा था, जिसमें वारंट जारी होने के बाद भी लगातार पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी न्यायालय में गैरहाजिर चल रहे थे.


जब संपत्ति की कुर्की का आदेश मिला 
कोर्ट ने बस्ती के पुलिस अधीक्षक को यह आदेश दिया था कि वह अमरमणि को गिरफ्तार कर 1 नवंबर को कोर्ट में पेश करें, लेकिन खराब तबीयत की वजह से और मेडिकल कॉलेज में भर्ती होने के वजह से अमरमणि त्रिपाठी एक बार फिर बस्ती के न्यायालय में पेश नहीं हुए. जिस पर कोर्ट ने आपत्ति जताते हुए बस्ती पुलिस को धारा 82 सीआरपीसी के तहत कार्रवाई करते हुए उनके घर को कुर्की के आदेश जारी किया.बस्ती पुलिस को यह भी कहा कि अमरमणि की गिरफ्तारी के लिए बाकायदा पेपर में इश्तेहार निकालकर उसकी पत्रावली को कोर्ट में पेश की जा चुकी है.


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