Prayagraj News: कार का पिछला पहिया पंचर होने से 10 मिनट की देरी से स्कूल पहुंचने की वजह से महिला टीचर की सैलरी में होने वाली सालाना बढ़ोतरी को रोकने के मनमाने फरमान के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने दखल देते हुए यूपी सरकार और यूपी बेसिक एजुकेशन बोर्ड से जवाब तलब कर लिया है. हाईकोर्ट ने इन दोनों से चार हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा है. यह आदेश जस्टिस पीयूष अग्रवाल की सिंगल बेंच ने महिला टीचर नलिनी मिश्रा की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है.


मामले के मुताबिक महिला टीचर नलिनी प्रयागराज जिले के सैदाबाद ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय गुलचपा में पिछले कई सलों से कार्यरत है. याची का कहना है कि 25 जुलाई 2018 को ब्लॉक एजूकेशन ऑफिसर सैदाबाद ने उसके विद्यालय का निरीक्षण किया. उस दिन याची के स्कूल आते समय कार का पिछला पहिया पंचर हो जाने की वजह से वह सिर्फ 10 मिनट लेट पहुंची थी. इस पर तत्कालीन बीईओ ने इंक्वारी रिपोर्ट गलत तरीके से बीएसए प्रयागराज को दे दिया. आरोप लगाया कि याची टीचर समय से स्कूल नहीं जाती है और पढाने में उसका मन नहीं लगता है. 


इस मामले राज्य सरकार को नोटिस
इस पर कार्रवाई करते हुए बीएसए ने 3 अक्टूबर 2018 को नलिनी मिश्र की सालाना सेलरी इंक्रीमेंट यानी वेतन वृद्धि रोकने का आदेश पारित कर दिया. इसके खिलाफ याची ने सेक्रेट्री बेसिक एजुकेशन बोर्ड के समक्ष 11 जनवरी 2021 को रिप्रेजेंटेशन दिया, लेकिन सेक्रेट्री बेसिक एजुकेशन बोर्ड ने याची का रिप्रेजेंटेशन 21 नवंबर 2023 को खारिज कर दिया. कहा कि बीएसए के आदेश में किसी प्रकार के परिवर्तन की आवश्यकता नहीं है. याचिका में सेक्रेट्री बेसिक एजुकेशन बोर्ड के आदेश को चुनौती दी गई है. इस मामले की अगली सुनवाई 14 मई को होगी.


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