Aligarh News: कहने को तो अलीगढ़ में ऐसी बहुत से धार्मिक स्थल है जो अलीगढ़ को नई पहचान से रूबरू कराते है, लेकिन अगर बात मस्जिदों की कही जाए तो अलीगढ़ में देश व एशिया की सबसे ज्यादा सोने लगी हुई मस्जिद भी मौजूद है इस मस्जिद की खास बात यह है इस मस्जिद में 5000 नमाजी एक साथ बैठकर नमाज पढ़ सकते हैं.


मस्जिद के बुजु खाने को लेकर बताया जाता है मस्जिद के बुजु खाने का पानी अलीगढ़ जामा मस्जिद से निकलने के बाद पाइपलाइन से सीधा अलीगढ़ से 5  किलोमीटर दूर स्थित किले नाम के गांव में पहुंचता है. अलीगढ़ जामा मस्जिद सबसे ज्यादा ऊंचे स्थान पर मौजूद अलीगढ़ के थाना कोतवाली के ठीक सामने मौजूद है, सबसे ज्यादा ऊँचे स्थान पर होने के कारण अलीगढ़ जामा मस्जिद की जगह का नाम जामा मस्जिद ऊपरकोट रखा गया है. जिसका निर्माण हजरत नवाब साबत खां, मुगल तातार जंगे बहादुर ने करवाया था. साबत खां गर्वनर भी रहे थे. 


1714 में शुरू हुआ था मस्जिद निर्माण
मस्जिद निर्माण की शुरुआत 1714 मे हुई थी लंबे समय तक चले निर्माण कार्य के बाद  यह मस्जिद 1741 में बनकर तैयार हुई. मस्जिद के क्षेत्रफल के कारण  मस्जिद परिसर में एक बार में पांच हजार लोग नमाज एक साथ अदा कर सकते हैं,  बुजुर्ग बताते हैं कि ताजमहल बनाने वाले मुख्य इंजीनियर के पोते ने इसका भी निर्माण किया है. करीब आठ से दस फुट लंबी तीन मीनारें मुख्य गुंबद पर लगी हुई हैं. तीनों गुंबद के बराबर में बने एक-एक गुंबद पर छोटी छोटी तीन मीनारें और लगी हुई हैं. मस्जिद के गेट और चारों कोनों पर भी छोटी-छोटी मीनारें हैं. सभी मीनारें ठोस सोने की बताई जाती हैं.  अलीगढ़ की जामा मस्जिद भारत ही नहीं बल्कि एशिया में सबसे ज्यादा सोना लगे होने के कारण मशहूर ह.


मस्जिद के कमेटी सदस्य गुलरेज़ अहमद ने बताया कि ताजमहल बनाने वाले मुख्य इंजीनियर ईरान के अबू ईसा अंफादी के पोते ने जामा मस्जिद का निर्माण किया था. जामा मस्जिद के 17 गुंबदों को ठोस सोने से बनाया गया है. जबकि ताजमहल और स्वर्ण मंदिर में केवल सोने की परत चढ़ाई गई है. इस मस्जिद में लगभग 5 से 6 क्विंटल सोना लगा हुआ बताया जाता है.


20 फीट ऊंची हैं मस्जिद की सीढ़ियां
आगे उन्होंने कहा कि मस्जिद के बारे में बताया जाता है कि यह अलीगढ़ की एक ऐसी इकलौती मस्जिद है जब पूरा अलीगढ़ डूब जाएगा तब कहीं जाकर इस मस्जिद की सीढ़ियों तक पानी पहुंचेगा इसकी वजह यह है अलीगढ़ बस स्टैंड की समतल भूमि के अनुसार इस मस्जिद की ऊंचाई सीढ़ियों तक लगाई जाए तो यह मस्जिद अलीगढ़ बस स्टैंड से इसकी सीढ़ियों तक की ऊंचाई करीब 20 फीट है. यही कारण है पूरा अलीगढ़ डूब जाने के बाद इस मस्जिद के सीढ़ियों तक पानी ही पहुंचेगा.


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