Aligarh Muslim University: देश और दुनिया मे तालीम के नाम से जिले को नई पहचान दिलाने वाला अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में उन चुनिंदा 10 विश्वविद्यालय में शुमार है. यह अंतराष्ट्रीय स्तर पर कानून की अव्वल दर्जे की पढ़ाई छात्रों को मुहैया कराते है.यही कारण है देश के साथ साथ विदेशों के छात्र यहां शिक्षा हासिल करने आते है. शिक्षा के क्षेत्र में महारत हासिल करने के साथ साथ यहां के छात्र व यहां के प्रोफेसरों के द्वारा तरह-तरह की कीर्तिमान भी स्थापित किए जाते है.



अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की अगर बात कही जाए तो यह एक ऐसा इकलौता विश्वविद्यालय है. जिसके द्वारा देश के साथ-साथ विदेश में भी चीफ जस्टिस दिए है. पाकिस्तान बांग्लादेश सहित अन्य जगहों पर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से शिक्षा हासिल करने के बाद यहां के छात्र, एलुमनाई   विदेश में चीफ जस्टिस बने और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का डंका उनके द्वारा बजाया गया. इसी के चलते अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की शिक्षा अपनी अलग पहचान रखती है.

क्या बोले प्रॉक्टर वसीम अली
 यह एक ऐसा इकलौता विश्वविद्यालय है. जिसमें 3 मेम्बर की फेकल्टी ने ही विश्वविद्यालय के हित मे बड़े फैसले लिए. ये फैसले लेने के अधिकार एएमयू के संस्थापक सर सैयद अहमद खां के द्वारा अपने बेटे महमूद साहब सहित अन्य दो लोगों को दिए. सर सैयद अहमद खां का सपना था कानून की पढ़ाई करने वाले छात्र यहां से शिक्षा हासिल करें और मुल्क में संविधान का उजाला पहुचाएं. जो सपना उनके द्वारा देखा गया वो 1960 में साकार हुआ और फेकल्टी में कानूनी पढ़ाई शुरू कराई गई. जिसके महज एक साल बाद 1961 में यहां पीएचडी का प्रोग्राम भी सुचारू रूप से शुरू हो गया.

कई छात्र सुप्रीम कोर्ट में जज भी बने
प्रोफेसर वसीम अली बताते है कि यह प्रोग्राम देश विदेश के उन चुनिंदा प्रोग्राम में शामिल हो चुका था.यहां से शिक्षा हासिल करने के बाद काफी छात्र देश व विदेश के लिए आइकन बने. जिसमें एएमयू के स्टूडेंट्स रहे जस्टिस बहादुर इस्लाम सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया के चीफ जस्टिस बने. वहीं फजले अली मुर्तजा सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बने,साथ ही जस्टिस सगीर अहमद व जस्टिस आरपी सेठी सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बने.

विदेशों में भी यहां के छात्रों ने लहराया परचम
वहीं अगर बात अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से शिक्षा हांसिल करनेवाले हिंदुस्तान से बाहर चीफ जस्टिस बनने वालों की अगर बात  कही जाए तो उनमें अब्दुल हलीम खान साहब का नाम सुर्खियों में आता है जो पेशावर के चीफ जस्टिस बने.साथ ही चीफ जस्टिस हलीम साहब जो कि पाकिस्तान के चीफ जस्टिस बने. वहीं रूहल इस्लाम  साहब बांग्लादेश के चीफ जस्टिस बने.बशीर अहमद साहब तंजानिया के चीफ जस्टिस बने. लेकिन सभी की शिक्षा हासिल करने की अगर बात कही जाए तो सभी के द्वारा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से शिक्षा हासिल की गई थी.


ये भी पढ़ें: यूपी में बड़े ऐलान की तैयारी, BJP के मंच पर दिखेंगे राजा भैया, यहां होगी रैली!