Lok Sabha Election 2024: अलीगढ़ में लोकसभा चुनाव को लेकर लंबे समय से प्रत्याशियों के द्वारा अलग-अलग तरीके से चुनाव प्रचार किया जा रहे थे. कोई जुलूस के साथ अपना दमखम दिखा रहा था तो वहीं कोई प्रत्याशी डीजे के माध्यम से अपनी आवाज को जनता तक पहुंचाने का काम कर रहा था. लेकिन यह जनता है. सब कुछ जानती है. करीब बैठे युवक की आवाज़ भी सुनती है और माइक से निकलने वाले साउंड को भी दरकिनार करती है. ऐसा ही कुछ नजारा अलीगढ़ लोकसभा में देखने को मिला है. जहां 14 प्रत्याशी चुनावी दंगल में सियासी दांव पेच आजमाते नजर आ रहे थे.
 
समाजवादी पार्टी के चौधरी बिजेंद्र सिंह के सियासी दांव पेच की अगर बात कही जाए तो वह चार बार के पूर्व में विधायक व एक बार के लोकसभा अलीगढ़ के सांसद रह चुके है. सियासी दंगल में पुराने दाव आजमाते हुए उनके द्वारा शांत तरीके से चुनाव मैदान में दम खम दिखाया और जनता का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया. चुनाव में पुराना हुनर रखते हुए तमाम दाब पेंच उनके द्वारा इस चुनाव में आजमाए गए. यही कारण है, उनके द्वारा भाषण के दौरान हमेशा 36 बिरादरियों की बात कही गई.



बसपा ने तीसरे प्रत्याशी के रूप में बनाई पहचान
बसपा प्रत्याशी की हितेन्द्र उपाध्याय ब्राह्मण समाज के दूसरे के चेहरे के रूप में बसपा से चुनावी मैदान में नजर आए. सियासी राजनीति के सफर की अगर बात कही जाए तो भारतीय जनता पार्टी से उनका पुराना संबंध रहा है. बड़े-बड़े दिग्गजों का हाथ उनके सर पर होने के साथ-साथ सियासी दाव पेच उनके द्वारा भाजपा से सीखे गए थे. लेकिन अचानक ही भाजपा के खिलाफ चुनाव मैदान में उतर आए और चुनावी दंगल में किस्मत आजमाने लगे जिसमें आज बहुजन समाज पार्टी के अगर वोटरों की बात कही जाए तो उनके द्वारा तीसरे प्रत्याशी के रूप में एक अपनी-अलग पहचान बनाई है.

भारतीय जनता पार्टी के दो बार के सांसद और प्रत्याशी सतीश गौतम की कही जाए तो तीसरी बार वह चुनाव मैदान में थे. जगह-जगह उनका विरोध हुआ. लेकिन फिर भी लोगों के द्वारा देश के प्रधानमंत्री के नाम पर वोट देने की बात कही थी. धीरे-धीरे सुबह तक जो वोट प्रतिशत कम आंका जा रहा था. लेकिन अचानक दोपहर के बाद वोट प्रतिशत बड़ा तो प्रशासन की उम्मीद भी जगी कुल मिलाकर सुबह से शाम तक वोट प्रतिशत में काफी बढ़ोतरी देखी गई.

लोकसभा चुनाव में तीनों प्रत्याशियों के साथ-साथ 11 प्रत्याशी निर्दलीय भी मैदान में थे. कुल मिलाकर 14 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला अब ईवीएम में शोरगुल के साथ कैद हो गया है. 14 प्रत्याशियों में से 4 जून को यही फैसला सांसदी के ताज के रूप में बाहर निकलकर जनता के सामने आएगा. जनता के द्वारा किसको सांसदी का ताज पहनाया है यह तो 4 जून को स्पष्ट होगा. फिलहाल सियासी पंडितों के द्वारा गुरु मंत्र देकर अपने-अपने अलग-अलग दाब पेच बताये जा रहे है. लेकिन लोकसभा अलीगढ़ में जिस हिसाब से भारतीय जनता पार्टी का विरोध हुआ है और समाजवादी पार्टी को समर्थन मिला है.

कितना बजे हुआ कितना मतदान
अलीगढ़ लोकसभा सीट पर वोटिंग की समाप्ति पर 56.62 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। 2019 में अलीगढ़ का मतदान प्रतिशत 61.64 प्रतिशत था.


सुबह 7 बजे से लेकर समाप्ति तक मतदान प्रतिशत
सुबह 9 बजे तक 12.20 प्रतिशत
11 बजे तक 24.35 प्रतिशत
1 बजे तक 35.33 प्रतिशत
3 बजे तक 44.03 प्रतिशत
5 बजे तक 54.34 प्रतिशत
6 बजे तक 56.57 प्रतिशत
मतदान समाप्ति पर 56.62 प्रतिशत

यह रहा विधानसभावार मतदान प्रतिशत
71 खैर  55.39
72 बरौली  58.4
73 अतरौली    54.55
75 कोल    57.35
76 अलीगढ़    57.49
कुल मिलाकर जिले अलीगढ़ में 57.49 प्रतिशत मतदान रहा है जो की 2019 के लोकसभा चुनावो से कम मतदान प्रतिशत रहा है.


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