उत्तर प्रदेश स्थित नोएडा के बिसाहड़ा में वर्ष 2015 में अखलाक की मॉब लिंचिंग के मामले में राज्य सरकार की याचिका खारिज होने के बाद समाजवादी पार्टी ने पहली प्रतिक्रिया दी है. एक ओर जहां सूरजपुर की अदालत ने यूपी सरकार की याचिका खारिज करते हुए हत्यारोपियों पर मुकदमा चलाए जाने का आदेश दिया है तो वहीं अखलाक की पत्नी इकरामन इसी मामले को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंच गईं हैं.
इस बीच सपा विधायक अखिलेश यादव ने भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि यह बड़ी दुर्भाग्य की बात है कि सरकारी मुकदमों को भी सरकार वापस लेने की बात कर रही है. कोर्ट की हम कद्र करते हैं और हमे इस बात का गौरव है कि हमारे कोर्ट में आज भी न्याय की आधार पर फैसला होता है.
जाति और धर्म के आधार पर हत्या हुई- अखिलेश
जहां तक मॉब लिंचिंग का सवाल है सिर्फ अखलाक ही नहीं इसके अलावा भी कई ऐसी घटना हुई है जहां जाति और धर्म के आधार पर हत्या हुई. इन हत्याओं से समाज के अंदर नफरत पैदा होती है. अव्यवस्था पैदा होती है. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी सेक्युलर सोच की पार्टी है और हमारे यहां गंगा जमुनी तहजीब को हम लोग मानने जानने वाले लोग हैं. सरकार ने जो काम किया है यह उसको नहीं करना चाहिए. मैं इस कोर्ट केस निर्णय का आदर करता हूं.
अखलाक मॉब लिंचिंग मामले में यूपी सरकार को झटका, आरोपियों के खिलाफ चलेगा मुकदमा सपा विधायक ने कहा कि वोटों के ध्रुवीकरण करने के लिए यह कराए जाते हैं. सरकार द्वारा यह प्रायोजित होते हैं. सरकार को इसका संज्ञान लेना चाहिए. अगर कोर्ट ना होती तो न जाने इस देश के लोग का क्या होता?