उत्तर प्रदेश स्थित नोएडा के दादरी के बिसाहड़ा गांव में 2015 में हुए अखलाक मॉब लिंचिंग मामले में राज्य सरकार को बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने कहा है कि हत्यारोपियों के खिलाफ मामला चलता रहेगा. 

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अदालत के इस फैसले के बाद बिसाहाड़ा अखलाक हत्याकांड में आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई जारी रहेगी. नोएडा स्थित सूरजपुर की अदालत ने आरोपियों के खिलाफ दर्ज मुकदमा वापस लेने को लेकर शासन की ओर से दाखिल याचिका को सूरजपुर कोर्ट ने खारिज कर दिया है.

इस मामले में आज अदालत में सुनवाई हुई, जहां कोर्ट ने अभियोजन पक्ष द्वारा केस वापस लेने के लिए लगाई गई अर्जी को महत्वहीन और आधारहीन मानते हुए निरस्त कर दिया.

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अखलाक लिंचिंग केस पहुंचा हाईकोर्ट

दूसरी ओर यूपी सरकार के केस वापस लेने के फैसले के खिलाफ मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंच गया है. मृतक मोहम्मद अखलाक की पत्नी इकरामन ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. सरकार द्वारा ट्रायल कोर्ट में केस वापसी के आवेदन को चुनौती दी गई थी. इकरामन ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.

इकरामन ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका अधिवक्ता उमर जामिन के माध्यम से दाखिल की गई.याचिका में सरकार के कई प्रशासनिक और न्यायिक आदेशों को रद्द करने की मांग की गई है. 26 अगस्त 2025 के सरकारी आदेश को निरस्त करने की मांग की गई है.

क्या है अखलाक की लिंचिंग का मामला?

ADM, संयुक्त निदेशक अभियोजन और DGC के आदेशों को भी चुनौती दी गई है. याचिका में केस वापसी की सिफारिश को गैरकानूनी बताया गया था. याचिका में 21 लोगों को प्रतिवादी  बनाया गया है.

इसमें राज्य सरकार से लेकर आरोपी तक शामिल हैं. बता दें 28 सितंबर 2015 को मोहम्मद अखलाक की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या की थी. हत्या के आरोप में 18 लोग आरोपी बनाए गए थे. फिलहाल 14 आरोपी जमानत पर बाहर हैं. शीतकालीन अवकाश के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट की डबल बेंच सुनवाई करेगी.