उत्तराखंड के अल्मोड़ा में आयोजित मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कार्यक्रम में उस वक्त असहज स्थिति पैदा हो गई, जब भाजपा के दो कद्दावर नेता मंच पर बैठने की सूची को लेकर आपस में भिड़ गए. मुख्यमंत्री के पहुंचने से ठीक पहले पूर्व विधायक महेश नेगी और विभाग प्रभारी अनिल शाही के बीच हुई इस तीखी बहस हो गई, पुलिस अधिकारियों ने दोनों में बीच-बचाव किया.
सोमवार को अल्मोड़ा में ताड़ीखेत के श्रद्धानंद मैदान में 'जन जन की सरकार, जन जन के द्वार' कार्यक्रम के तहत शिविर का आयोजन किया गया था. पार्टी सूत्रों के मुताबिक, सीएम के मंच पर बैठने के लिए पहले 25 नामों की सूची तैयार की गई थी. हालांकि, आपसी सहमति न बन पाने के कारण अंतिम समय में कुछ नाम हटा दिए गए.
मंच पर बैठने के लिए भिड़े बीजेपी नेता
बीजेपी नेताओं के बीच विवाद की मुख्य जड़ यही सूची बनी, जिसमें पूर्व विधायक द्वाराहाट महेश नेगी का नाम शामिल नहीं था. जब सीएम धामी पंडाल में विभागीय स्टालों का निरीक्षण कर रहे थे, तभी पूर्व विधायक महेश नेगी मंच पर पहुंचे और अपना नाम सूची में न पाकर बुरी तरह भड़क गए. जिसके बाद वो वर्तमान विभाग प्रभारी अनिल शाही से भिड़ गए.
महेश नेगी ने गुस्साते हुए शाही से उनका नाम हटाए जाने का कारण पूछा और यह सवाल भी दागा कि आखिर उनका नाम किसके कहने पर काटा गया? देखते ही देखते दोनों नेताओं के बीच जुबानी जंग तेज हो गई और माहौल गरमा गया. मंच पर भाजपा नेताओं को आपस में लड़ते देख आसपास हड़कंप मच गया.
अधिकारियों ने किसी तरह संभाला मामला
मामले को गर्माते देख मौके पर तैनात सीडीओ रामजी शरण, संयुक्त मजिस्ट्रेट गौरी प्रभात और पुलिस अधिकारी तुरंत हरकत में आए. जिसके बाद अधिकारियों ने दोनों पक्षों को समझा-बुझाकर अलग किया. इसी बीच एक समर्थक ने भी मंच पर आकर विरोध जताने की कोशिश की, जिसे सुरक्षाकर्मियों ने तत्काल बाहर कर दिया.
मुख्यमंत्री के मंच पर पहुंचने के बाद दोनों नेताओं के बीच तल्खी कम होती दिखी और वे एक कोने में अपनी गलतफहमी दूर करते नजर आए. इस घटना ने सत्ताधारी दल के भीतर चल रही गुटबाजी और समन्वय की कमी को सार्वजनिक कर दिया है. जिसके बाद कई तरह के सवाल उठने शुरू हो गए हैं.
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