Agra Smart City Project: यूपी के आगरा (Agra) में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट (Smart City Project) के तहत आईसीसीसी (ICCC) यानी इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर का प्रोजेक्ट भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है. इसकी स्थापना के लिए 282 करोड़ रुपये की भारी भरकम रकम जारी कर दी गई है लेकिन ना तो पूरी तरह से कैमरे काम कर रहे और ना ही ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (Traffic Managment System) दुरुस्त हुआ है. हाल ये है कि शहर की 43 जगहों पर पैनिक अलार्म बटन (Panic Alarm Button) लगाए गए थे जिनमें से ज्यादातर खराब पड़े हुए हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर को स्मार्ट बनाया गया या इसके जरिये अधिकारियों ने अपनी जेब भरी हैं. 

 

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा ICCC प्रोजेक्ट

आगरा में आईसीसीसी के तहत शहर में 63 जंक्शन पर 1176 कैमरे लगाए गए थे लेकिन सैकड़ों कैमरे काम नहीं कर रहे हैं. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के सीईओ निखिल फुंडे तो 940 कैमरों के काम करने की बात कह रहे हैं लेकिन हकीकत ये है कि यहां आधे से ज्यादा कैमरे खराब पड़े हैं. बाकी कैमरे नमूने के तौर पर आपको दिखाई देंगे. निखिल फुंडे का कहना है कि कई जगहों पर निर्माण कार्य चल रहा है, कहीं खुदाई हो रही है इसलिए ये कैमरे काम नहीं कर रहे हैं. 

 

न कैमरे काम करते हैं न पैनिक बटन

वहीं ICCC प्रोजेक्ट के तहत पैनिक अलार्म बटन 43 जगहों पर लगाए गए थे. जिसमें इमरजेंसी के वक्त उस बटन को दबाकर सहायता मांगी जा सकती थी लेकिन ABP Ganga के रियलिटी चेक में शहर में जगह जगह पर लगाए गए पैनिक अलार्म भी काम करते नजर नहीं आए. यानी इन बटन के जरिए आपको आपात स्थिति में कोई मदद नहीं मिल पाएगी क्योंकि ये काम ही नहीं कर रहे हैं. पॉल्यूशन सेंसर का भी कोई अता पता नहीं है. आईसीसीसी के तहत डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन को लेकर जो एडवांस व्यवस्था बनाई गई थी, वो भी नदारद है. शहर का ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम बिगड़ा पड़ा है, ऐसे में सवाल उठता है कि फिर करीब 3 अरब की लागत से तैयार हुए इस प्रोजेक्ट का लोगों को क्या फायदा हुआ.

 

नगर आयुक्त ने दी ये सफाई

आगरा स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के सीईओ और नगर आयुक्त निखिल फुंडे ने कहा कि हमने काम ठीक से ना करने पर ICCC को एस्टेब्लिश करने वाली कंपनी पर 7 करोड़ से ज्यादा का जुर्माना लगाया और आगे भी ऑपरेटिंग कॉस्ट का भुगतान रोक दिया गया है. कई जगहों पर कैमरे काम ना करने की शिकायत मिली है तो उसके पीछे की वजह वहां हो रहे विकास कार्य है. ये काम खत्म होते ही ICCC की खामियों को दुरुस्त कर दिया जाएगा. 


 

आगरा कैंट के विधायक ने भी उठाए सवाल

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत हो रहे विकास कार्यों पर पहले ही जनप्रतिनिधि सवाल खड़े कर चुके हैं. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स के एडवाइजरी बोर्ड में मेंबर और आगरा कैंट से विधायक डॉक्टर जी एस धर्मेश भी इन कामों से काफी नाराज नजर आए. उनका कहना है कि अधिकारियों की मनमानी चल रही है ना कैमरे काम कर रहे हैं और ना ही कई सालों से ताजगंज में गलियों की सड़कों का निर्माण कार्य पूरा हो पाया है, ऐसे में वो अब इसकी शिकायत सीएम योगी आदित्यनाथ से करेंगे. 

 

कुल मिलाकर ICCC के नाम अधिकारियों ने पैसे की खुली लूट की है. जिस भारी भरकम प्रोजेक्ट से आगरा शहर को स्मार्ट और आधुनिक दिखना चाहिए था, वो प्रोजेक्ट आधी अधूरी तैयारियों के साथ चल रहा है. कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि ऐतिहासिक शहर आगरा को स्मार्ट बनाने की दिशा में जो प्रयास हो रहे हैं उसमें नीयत और ईमानदारी की कमी साफ देखी जा सकती है. 

 

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