Udaipur News: झीलों की नगरी उदयपुर (Udaipur) में हर साल लाखों की संख्या ने पर्यटक आते हैं. यह पर्यटक उदयपुर की झील, पहाड़ और ऐतिहासिक जगहों को निहारते हैं. उदयपुर में राजस्थान (Rajasthan) का सबसे बड़ा जंगल है, लेकिन  एक समस्या यह है कि उदयपुर के इस जंगल के बारे में पर्यटकों को जानकारी अभाव है. इस जंगल में भी वन विभाग ने कई जगहों को डेवलप किया हुआ है, जहां पर्यटक जा सकते हैं. 


जंगल के इन्हीं स्थलों को प्रमोट करने और पर्यटकों को इन जगहों पर ले जाने के लिए शीतकालीन टूर की शुरुआत की जा रही है. यह शीतकालीन टूर सात जनवरी से शुरू हो जाएगा. मुख्य वन संरक्षक आरके जैन ने बताया कि वन विभाग उदयपुर द्वारा वन भ्रमण कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इसे पहले पहली बार जून में शुरू किया था. अब हम शीतकालीन टूर की शुरुआत करने जा रहे हैं. जून में फुलवारी की नाल, जोग मंडी झरना गोरमघाट, भील बेरी झरना और जवाई लेपर्ड कंर्वेशन रिजर्व के कुछ इको डेस्टिनेशन टूर पूरे हुए थे.


उदयपुर के इन स्थलों पर होगा टूर
मुख्य वन संरक्षक ने बताया कि अब सात जनवरी से शुरू होने वाले टूर में इस बार सीतामाता वाइल्ड लाइफ सैंक्चुअरी, बस्सी वाइल्ड लाइफ सैंक्चुअरी, कुम्भलगढ़ वाइल्ड लाइफ सैंक्चुअरी, जवाई लेपर्ड कंजर्वेशन रिजर्व और फुलवारी की नाल सैंक्चुअरी के कुछ खास और दूसरे ट्रैक्स को एक्स्प्लोर किया जाएगा. जैवविविधता से भरे इन अभ्यारण्यों में पर्यटकों को लेपर्ड, बारासिंघा, चौसिंगा, उड़न गिलहरी जैसे जीव दिखेंगे. साथ कई पर्यटकों को प्रकार की पक्षियों और पेड़ पौधों के बारे में जानकारी दी जाएगी.  


आरके जैन ने बताया कि शीतकालीन इको डेस्टिनेशन का पहला टूर सात जनवरी को सीतामाता वन्यजीव अभ्यारण्य में होगा. रजिस्ट्रेशन के लिए वन विभाग द्वारा मनोनीत 7568348678 नंबर से संपर्क कर सकते हैं. उदयपुर से सुबह वाहन रवाना होंगे. सीतामाता वन्यजीव अभ्यारण्य में पांच किलोमीटर के ट्रैक में कई जैव विविधताएं और वन्यजीव दिखेंगे. दिन में भोजन के बाद पर्यटकों को जाखम डेम और शाम को लौटते हुए दुर्लभ उड़न गिलहरी को दिखाते हुए हम उदयपुर लौटेंगे. इसका चार्ज 1700 रुपये प्रतिव्यक्ती होगा, जिसमें सभी व्यवस्था विभाग की और से रहेगी.


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