Rajasthan News: पाकिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न और प्रताड़ना से परेशान होकर पाकिस्तानी विस्थापित हिंदू भारत में शरण ले रहे हैं. हिंदू विस्थापितों की नागरिकता को लेकर केंद्र सरकार ने CAA (नागरिकता संसोधन अधिनयम) लागू किए जाने के संकेत दिए हैं. CAA लागू होने से पाकिस्तान के हिंदू विस्थापितों और अन्य देश के शरणार्थियों को कितना फायदा मिलेगा, ये देखने वाली बात होगी, लेकिन अभी ये शरणार्थी किस तरह से अपना जीवन यापन कर रहे हैं, ये हम आपको बताते हैं.


पाकिस्तान से चार साल पहले अपने 10 बच्चों और परिवार के साथ भारत आए बिरदा राम ने बताया कि हम यहां पर आ तो गए हैं, लेकिन हम लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है, क्योंकि हमारे पास पासपोर्ट के अलावा कुछ भी नहीं है. बच्चों को पढ़ाई के लिए स्कूल में भर्ती भी नहीं किया जाता. वह पढ़ाई से वंचित रह रहे हैं. साथ ही घर-परिवार में कोई बीमार हो जाए तो हमारा इलाज सरकारी अस्पताल में नही होता. हम प्राइवेट अस्पताल में जाते हैं. 


गृहमंत्री शाह ने दिए CAA लागू करने के संकेत
बिरदा राम ने बताया कि प्राइवेट अस्पताल में हजारों रुपये हमारे इलाज में लग जाते हैं. CAA लागू होगा तो हमें यह सारी सुविधाएं मिलेंगी. हम अपने घर भी बना पाएंगे. वहीं पाकिस्तान से भारत आए भागचंद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने हम पाकिस्तानी विस्थापितों को आसानी से नागरिकता देने के लिए CAA लागू करने का वादा किया था. गृहमंत्री अमित शाह ने संकेत दिए हैं कि एक महीने के अंदर-अंदर CAA लागू होगा.


भागचंद ने कहा कि हम सभी लोगों की ओर से उनका धन्यवाद. हम विस्थापितों को अब नागरिकता मिल पाएगी. इसके साथ ही हम सरकारी योजनाओं और सरकारी व्यवस्था का खुलकर उपयोग कर पाएंगे. नागरिकता नहीं होने के कारण हम हिंदू विस्थापितों को कई जगह परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इसी तरह एक और विस्थापित टिकुराम तीन साल पहले पाकिस्तान से भारत आ गए थे.


पाक विस्थापितों को कई परेशानियां
टिकुराम ने बताया कि वो तीन साल पहले अपने परिवार के साथ धार्मिक वीजा पर भारत आ गया था. घर में कुल 12 सदस्य हैं. नागरिकता नहीं होने के कारण हर साल हमें पासपोर्ट रिन्यूअल करवाना पड़ता है. एक पासपोर्ट पर 10 हजार खर्च आता है. हम यहां पर मजदूरी करके कमाते हैं. वो सारा उसी में चला जाता है. हम लोगों को आसानी से नागरिकता मिलेगी, तो हम लोग भी हमारे बच्चों का भविष्य सुधार पाएंगे. समाज के साथ मिलकर भारत को आगे बढ़ाने के लिए प्रयास करेंगे.


क्या है नागरिकता संशोधन अधिनियम
नागरिकता संशोधन विधेयक 11 दिसंबर 2019 को संसद द्वारा पारित किया गया था. एक दिन बाद ही इस विधेयक को राष्ट्रपति की सहमति मिल गई थी और ये अधिनियम बन गया. इस कानून के जरिए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदायों से संबंधित अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता लेने में आसानी होगी. 


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