Rajasthan News: झीलों की नगर उदयपुर जहां पानी की प्रचुर मात्रा है लेकिन फिर भी हर साल कुछ क्षेत्रों में पानी की समस्याओं से जूझना पड़ता है. साथ ही अधिकारियों द्वारा सही से जवाब देने के भी आरोप आते हैं. इसको लेकर आज उदयपुर के जिला कलेक्टर अरविंद पोसवाल शहर में घूमकर जलापूर्ति के लिए लोगों से बात की. यही नहीं अधिकारियों को चेतावनी दी कि अगर गर्मियों के इन दिनों में किसी ने फोन बंद किया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. जानिए पूरा मामला

 

एक दिन पहले बैठक और अब फील्ड में निकले कलेक्टर

 

जिला कलक्टर मंगलवार को गर्मी मौसम को देखते हुए बिजली-पानी और सड़क सुविधा को लेकर संबंधित विभागों के उच्चाधिकारियों की बैठक ली. बैठक में बिजली निगम के अधिकारियों ने कहा कि उदयपुर में 9 लाख 22 हजार 180 विद्युत उपभोक्ता हैं, इनमें 7.5 लाख घरेलू, 80 हजार कृषि, 13 हजार औद्योगिक, शेष 84 हजार अघरेलू और अन्य कनेक्शन हैं.

 

जिले की दैनिक विद्युत खपत औसतन गर्मी के मौसम में 85 लाख यूनिट (करीब 354 मेगावाट) रहती है, लेकिन इस बार बढ़कर करीब 100 लाख यूनिट (417 मेगावाट) हो गई है. जलदाय विभाग के अधिकारियों ने कहा कि कंटीजेंन्सी मद में स्वीकृत 5 कार्य में से 4 कार्य पूर्ण हो चुके हैं, जिनके अंतर्गत एक नलकूप का निर्माण, पंपसेट/पैनल आदि बदलने का कार्य किया है. ग्रामीण क्षेत्र में 94 आबादियों में 131 टैंकर ट्रिप सहित अलग-अलग जगहों पर सप्लाई की जा रही है.

 

शहर में पानी की समस्याओं को लेकर फील्ड में कलेक्टर

 

जिला कलेक्टर अरविंद पोसवाल ने शहर में पानी की समस्या को लेकर दौरा किया. उन्होंने घर-घर जाकर आमजन से पूछा कि-पानी पूरा आ रहा है या नहीं. निरीक्षण के दौरान विभाग के तकनीकी कर्मियों ने प्रेशर मीटर के माध्यम से जिला कलक्टर को पानी के प्रेशर से अवगत कराया और पानी का क्लोरीन टेस्ट कर गुणवत्ता की जानकारी भी दी. 

 

वही अकसर देखा गया है कि परेशानी में कोई इन विभागों में फोन करता है तो कर्मचारियों द्वारा सही जवाब नहीं दिया जाता. इस परेशानी को लेकर जिला कलक्टर ने बिजली, पानी सहित सभी आमजन से जुड़े विभागों के अधिकारियों को जन समस्याओं के प्रति संवेदनशील रहने की हिदायत दी. उन्होंने कहा कि अधिकारी-कर्मचारी आमजन की समस्याओं को धैर्यपूर्वक सुनकर उसका उचित समाधान करें और आमजन को संतोषप्रद जवाब दें. उन्होंने कहा कि किसी भी अधिकारी का फोन स्वीच ऑफ रहने या संतोषप्रद जवाब नहीं दिए जाने की शिकायत मिलने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए.