सऊदी अरब (Saudi Arabia) में भारतीय श्रमिकों को अमानवीय यातनाएं देने और प्रताड़ित करने का मामला सामने आया है. लगभग तीन वर्ष तक सऊदी अरब में प्रताड़ना सहने के बाद कुछ दिन पहले भारत पहुंचे राजस्थान (Rajasthan) के सीकर (Sikar) जिले के नीमकाथाना निवासी रामस्वरूप गुर्जर की मंगलवार को बूंदी में अपनी आपबीती बताते हुए आंखें नम हो गईं. भारत लौटे रामस्वरूप गुर्जर ने कहा कि भारत जैसा कोई देश नहीं है. यहां खुली आजादी है जबकि वहां डरकर रहना पड़ता है.


इधर विदेश में संकटग्रस्त भारतीयों की सहायता के लिए कार्य करने वाले बूंदी के चर्मेश शर्मा की सहायता से सऊदी अरब से बड़ी मुश्किल से अपने परिवार के पास भारत पहुंचे रामस्वरूप ने मंगलवार को बूंदी खोजा गेट गणेश जी के मंदिर पर अपनी धर्मपत्नी निर्मला के साथ पूजा अर्चना करते हुए ईश्वर को धन्यवाद दिया. 


भारत आने की उम्मीद छोड़ चुके थे
बता दें कि, बूंदी के चर्मेश शर्मा के राष्ट्रपति सचिवालय में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नाम याचिका दायर करने के बाद सऊदी अरब से रामस्वरूप की वापसी संभव हो पाई है. भारत आने की उम्मीद छोड़ चुके रामस्वरूप ने भारत लौटने पर बूंदी के गणेश जी मंदिर पर अपने परिवार के साथ ढोक लगाने की मन्नत तक बोली थी. गणेश जी के मंदिर में पूजा अर्चना के बाद रामस्वरूप और उनकी पत्नी ने जिला कलेक्ट्रेट राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर भी नमन किया. जिला कलेक्ट्रेट पर चर्मेश शर्मा ने रामस्वरूप का माल्यार्पण कर स्वागत किया. इस अवसर पर कांग्रेस की प्रवासी सहायता टीम के सदस्य पार्षद अंकित बूलीवाल और प्रभु लाल मीणा भी उपस्थित रहे.


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जबरन अवैध नागरिक बना दिया
रामस्वरूप ने बताया कि वह तीन वर्ष पहले मुंबई के एजेंटों के माध्यम से रोजगार के लिये सऊदी अरब गया था. वहां जिस कंपनी में वह काम करने लगा कंपनी ने षड्यंत्र पूर्वक 6 माह बाद ही सऊदी अरब में किसी भी विदेशी नागरिक के रहने के लिए अनिवार्य वैध दस्तावेज इकामा रिनिवल नहीं करवाया और उसे जबरन अवैध नागरिक बना दिया गया. इसके बाद कंपनी की ओर से समय पर खाना-पीना भी बंद कर दिया गया और यहां तक कि बीमार होने पर इलाज तक नहीं करवाया गया. 


नाम बदलकर छिपना पड़ा
वर्क एग्रीमेंट में जो राशि बतायी गयी थी उससे 5 हजार रुपये प्रतिमाह तो शुरुआत से ही कम दे रहे थे लेकिन जबरन अवैध नागरिक बनाने के बाद तो कंपनी ने वेतन देना ही बंद कर दिया और बंधुआ मजदूर बना लिया. भारतीय श्रमिक ने इस अन्याय का विरोध दर्ज करवाया तो कम्पनी का कफील अवैध नागरिक का डर दिखाकर सऊदी अरब की जेल में भेजने की धमकी देने लगा और पुलिस में झूठी शिकायत कर दी. रामस्वरूप ने बताया कि, उसके बाद उसे पुलिस से बचने के लिए वहां से सैकड़ों किलोमीटर दूर भागना पड़ा और कई महीने उसने अपना नाम रामस्वरूप से बदलकर सुरेंद्र सिंह रखते हुए एक व्यक्ति का लोडर चलाते हुए निकाले.


लौटने की उम्मीद छोड़ दिया था
बूंदी जिला कलेक्ट्रेट पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद भारतीय श्रमिक रामस्वरूप ने बताया कि, सऊदी अरब में भारतीय श्रमिकों को अमानवीय यातनाएं दी जा रही हैं और उनका शोषण किया जा रहा है. उसने बताया कि, नाम बदलकर काम करते हुए उसे रात दिन अपनी गिरफ्तारी का डर लगा रहता था. उसका इकामा समाप्त हुए दो वर्ष से अधिक समय हो गया था. किसी भी विदेशी नागरिक को सऊदी अरब में इकामा समाप्त होने पर प्रतिवर्ष डेढ़ से दो लाख रुपये के हिसाब से पेनल्टी देनी पड़ती है या फिर जेल जाना पड़ता है. रामस्वरूप ने बताया कि, ऐसे में उसने उम्मीद छोड़ दी थी कि वह कभी अपने परिवार के पास भारत लौट पायेगा.


राष्ट्रपति सचिवालय में याचिका से हुई वापसी
भारतीय श्रमिक ने बताया कि, सऊदी अरब में एक न्यूज़ वीडियो के माध्यम से उसे विदेश में संकटग्रस्त भारतीयों की सहायता के लिए कार्य करने वाले चर्मेश शर्मा के बारे में पता चला. उसने उस चैनल पर संपर्क किया तो वहां से कुछ दिन बाद शर्मा के मोबाइल नंबर मिले. उसके बाद उसने चर्मेश शर्मा को सारे दस्तावेज भेजे और भारत बुलाने का आग्रह किया. इस पर शर्मा ने 22 जनवरी 2022 में नई दिल्ली राष्ट्रपति सचिवालय में जाकर भारतीय श्रमिक रामस्वरूप गुर्जर की सकुशल भारत वापसी के लिये राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नाम राष्ट्रपति सचिवालय में याचिका दायर की. 


राष्ट्रपति सचिवालय ने रिपोर्ट मांगा था
राष्ट्रपति सचिवालय ने याचिका को गंभीरता से लेते हुए सप्ताह भर बाद 31 जनवरी 2022 को भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के सचिव को नोटिस जारी कर इस मामले में रिपोर्ट मांग ली. साथ ही याचिका पर कार्यवाही करने और की गयी कार्यवाही से राष्ट्रपति सचिवालय और याचिकाकर्ता कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा को भी अवगत करवाने के निर्देश दिये.


भारतीय विदेश मंत्रालय ने मामले को उठाया
राष्ट्रपति सचिवालय के आदेश के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस मामले को सऊदी अरब रियाद भारतीय दूतावास के माध्यम से सऊदी सरकार के समक्ष उठाया और सऊदी सरकार को भी भारत के राष्ट्रपति के नाम दायर याचिका पर राष्ट्रपति सचिवालय के निर्णय की जानकारी दी. सऊदी अरब की सरकार ने भी इस मामले में भारत के राष्ट्रपति के हस्तक्षेप की जानकारी मिलने के बाद कार्यवाही की और रामस्वरूप गुर्जर की सकुशल भारत वापसी संभव हो पाई.


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