Rajasthan Rain Alert: जयपुर मौसम विभाग ने शुक्रवार (15 सितंबर) को राजस्थान के पांच जिलों में बारिश को लेकर यलो अलर्ट जारी किया है. राजस्थान में मानसून का आखिरी महीन है. बीते कुछ दिनों से गर्मी और उमस की मार झेल रहे लोगों को हल्की बारिश से थोड़ी राहत मिली है. हालांकि इस बार प्रदेश में किसानों के मनमुताबिक बारिश नहीं हुई है, लेकिन मौसम विभाग की नये अलर्ट के बाद किसान सहित ने राहत की सांस ली है.


मौसम विभाग के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी में बना कम दबाव के क्षेत्र में तेजी के बाद गुरुवार को साफ तौर पर कम दबाव का क्षेत्र बन गया है. इससे राजस्थान के कई हिस्सों में अगले कुछ दिनों में मानसून के लिए जिम्मेदार कारकों के सक्रिय होने की संभावना प्रबल हो गई है. जयपुर मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि नागौर, बीकानेर, जोधपुर, जैसलमेर और चूरू जिलों में बादलों के गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम दर्जे की संभावना जताई है. 


मौसम विभाग ने जारी की ये चेतावनी


बारिश में आसमानी बिजली गिरने की संभावना बढ़ जाती है. ऐसे में मौसम विभाग ने कहा कि यलो अलर्ट की चेतवानी जारी करते हुए कहा कि इस बारिश से हल्की और कमजोर संरचनाएं वाली चीजों को नुकसान उठाना पड़ सकता है. मौसम विभान ने बारिश और मेघ गर्जन की समय बाहर निकलने से बचने की सलाह देते हुए कहा कि मेघ गर्जन के समय सुरक्षित स्थान पर शरण लें, पेड़ों पर शरण न लें. इस दौरान मौसम सामान्य होने का इंतजार करें.


वैज्ञानिक मेघ गर्जन के समय क्यों देते हैं ये सलाह?


मेघ गर्जन के समय लोगों को पेड़ों और बिजली के खंबों के नीचे जाने से बचने की सलाह दी जाती है. दरअसल, वैज्ञानिक बेंजामिन फ्रेंकलिन ने 1872 में बिजली कड़कने की वजह बताते हुए कहा था कि बादलों में पानी के छोटे-छोटे कण मौजूद होते हैं, ये हवा के संपर्क में आने से आवेशित हो जाते हैं. आसमान से गिरने वाली बिजली खेतों में काम कर रहे लोगों पर, पेड़ पर और तालाब में नहाते समय या फिर मोबाइल पर बात करने वाले व्यक्ति पर अधिका होता है. इस दौरान ऐसी परिस्थितियों में आसमानी बिजली को ये अपनी तरफ खींचते हैं.


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