राजस्थान में इस बार मानसून की विदाई तय समय से दो दिन पहले शुरू हो गई है. 14 सितंबर को दक्षिण-पश्चिम मानसून ने पश्चिमी राजस्थान के कुछ हिस्सों से वापसी कर ली है. आम तौर पर मानसून की वापसी 17 सितंबर से होती है, लेकिन इस बार यह प्रक्रिया 15 सितंबर से शुरू हो गई.
मौसम विभाग ने कहा कि इस बदलाव का राज्य के मौसम पर सीमित असर होगा, हालांकि दिन के तापमान में हल्की वृद्धि और रातों में ठंडक बढ़ने की संभावना है. 14 सितंबर को राज्य के अधिकांश हिस्सों में मौसम शुष्क रहा, जबकि राजधानी जयपुर के कुछ इलाकों में शाम को हल्की बूंदाबांदी दर्ज की गई.
कब तक होगी मानसून की विदाई?
गंगानगर में दिन का अधिकतम तापमान 37.6 डिग्री सेल्सियस रहा, जो इस सीजन के लिए मुकाबले अधिक है. पश्चिमी इलाकों से मानसून पीछे हटने के संकेत दे रहा है और विभाग का अनुमान है कि 25 सितंबर तक पूरे राज्य से मानसून विदा ले लेगा. इस बीच कई जिलों में हल्की बारिश का दौर जारी है, जिससे किसानों को राहत मिली है.
येलो अलर्ट और प्रभावित जिले
मौसम विभाग ने 17 सितंबर के लिए 9 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है. पीटीआई के अनुसार, इसमें बूंदी, कोटा, बारां, झालावाड़, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, प्रतापगढ़, डूंगरपुर और बांसवाड़ा शामिल हैं. इन इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना जताई गई है.
विभाग का कहना है कि मानसून की विदाई के दौरान भी कहीं-कहीं बादल बरस सकते हैं, लेकिन धीरे-धीरे राज्य का मौसम शुष्क हो जाएगा. इस बीच जयपुर और आसपास के क्षेत्रों में भी छिटपुट बूंदाबांदी की आशंका बनी हुई है.
आगे का मौसम और प्रभाव
विशेषज्ञों के अनुसार, मानसून की विदाई के साथ ही राजस्थान में दिन का तापमान धीरे-धीरे बढ़ेगा, जबकि रातें सुहानी होने लगेंगी. 15 सितंबर को मानसून की वापसी का मतलब है कि राज्य अब शरद ऋतु की ओर बढ़ रहा है.
मौसम विभाग का मानना है कि यह अंतर ज्यादा बड़ा नहीं है, इसलिए कोई बड़ा असर नहीं पड़ेगा. आने वाले दिनों में शुष्क मौसम के साथ फसलों पर भी असर दिखेगा और राज्य के कई हिस्सों में हल्की ठंड की शुरुआत महसूस की जाएगी.