Rajasthan News: राजस्थान के कोटा में रियासत काल से ही यहां कला, संस्कृति और पुरातत्व का महत्व रहा है. आज भी यहां धरोहर को संभालने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं. ऐसे में कोटा के दरवाजे भी खास महत्व रखते हैं. नेचर और टूरिज्म प्रमोटर इसके लिए लगातार प्रयास भी करते हैं. चंबल नदी के तट पर बसे शहर कोटा की पहचान में यहां के दरवाजों की खास भूमिका रही है.


इन दरवाजों की वजह से ही उक्त इलाके की पहचान भी थी, लेकिन वर्षों से अनदेखी और उपेक्षा की वजह से यह दरवाजे बदतर अवस्था में थे. साथ ही वर्षों से इन्हें खोला और बंद नहीं किया जा रहा था. हालत ये थे कि लोगों ने इन्हें कचरा घर में तब्दील कर दिया था, लेकिन एक बार फिर ये निखरने लगे हैं.


लौटने लगा दरवाजों का पुराना वैभव
कोटा प्रशासन ने यहां के ऐतिहासिक दरवाजों की सुध ली. यहां एक ओर चंबल रिवर फ्रंट के निर्माण और चौराहों के सौंदर्यकरण का काम हाथ में लिया गया, तो पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए यहां के उपेक्षित पड़े ऐतिहासिक दरवाजों का पुराना वैभव लौटाने का प्रयास किया गया. कोटा चेप्टर इंटेक के कन्वीनर निखिलेश सेठी ने जिला प्रशासन व पर्यटन की मीटिंग में शहर के पनाह के दरवाजों के मुद्दों को कई बार उठाया.


उन्होंने यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल से भी इस मुद्दे को लेकर बात की और सभी के समझ में यह आया कि पर्यटन के लिए शहर के पुराने वैभव को उभारना आवश्यक है. क्योंकि ये दरवाजे कोटा की एक पहचान हैं, तो इनका पुनरुद्धार का कार्य किया जाना चाहिए. इसके बाद काम शुरू हुआ और देखते ही देखते कोटा रियासत के सभी दरवाजे आज अपने पुराने स्वरूप में लौट आए हैं.


कोटा शैली 'शिकार पेंटिग' के लिए विश्व प्रसिद्ध है
शहर के सभी दरवाजों को उसी रुप में वापस लाया गया जैसे रियासत काल के समय दरवाजे थे. कोटा के विकास कार्यां के साथ-साथ विरासत के विकास का भी ध्यान रखा तो लाडपुरा, पटनपोल, किशोरपुरा और सूरजपोल के सभी दरवाजों की खूबसूरती में चार चांद लग गए. सूरजपोल के दरवाजों में ऊपर की ओर बेहतरीन फूल पत्तियों से पेंटिंग की गई. वहीं साइड के ऊपर की ओर शिकार पेंटिंग बनवाई गई. कोटा शैली शिकार पेंटिग के लिए विश्व प्रसिद्ध है.


दरवाजों में हैं छोटी खिड़कियां
वर्षों से ये दरवाजे जाम थे जो अब खुलते और बंद भी होते हैं. इन विशालकाय दरवाजों में छोटी खिड़कियां भी हैं, जो दरवाजा बंद होने पर आने जाने में काम आती थीं. ये आज भी वैसे ही देखी जा सकती हैं. दरवाजों के ऊपर कोटा स्टेट की पारंपरिक वेश भूषा में दरबान बनाए गए हैं. ये दरवाजे दिन में जितने खूबसूरत लग रहे हैं उतने ही रात को भी लगेंगे. इन दरवाजों के नए रूप में आने से खूबसूरती की अलग ही छटा बिखेरी है. आते-जाते लोगों को अब ये रियासतकालीन दरवाजे लुभा रहे हैं. 



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