Rajasthan Rain: भीषण गर्मी के दौर में राजस्थान (Rajasthan) पानी की समस्या से गुजरता है. कई बार दूसरे प्रदेशों में चंबल से पानी की सप्लाई ट्रेनों द्वारा की जाती है. इस बार भी अप्रैल से जुलाई माह के बीच कोटा (Kota) वर्कशॉप से स्टील के वैगन तैयार कर ट्रेन के माध्यम से पानी भेजा गया था. उसके बाद बारिश का दौर ऐसा शुरू हुआ कि रेगिस्तान में भी बाढ़ के हालात देखने को मिले. अब ये हाल है कि बांधों में भी नहीं समा पा रहा है.


राजस्थान में अधिकांश बांध अपनी पूर्ण क्षमता पर भरे हुए हैं. अच्छी बरसात से पीने के पानी और खेती के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध हो गया है. राजस्थान में साल 2024 तक कोई प्यास नहीं रहेगा, खेतों में भी पर्याप्त पानी सिंचाई के लिए दिया जाए तो भी बांधों में इतना पानी है कि वह दो साल तक प्यास बुझा सकते हैं. मानसून इस बार खूब मेहरबान रहा है. पिछले 11 साल का रिकॉर्ड देखें तो अगस्त में चौथी बार 8 इंच तक बारिश हुई है.


प्रदेश के करीब 193 बांध हो गए ओवरफ्लो


इस बार भी बारिश ने रिकॉर्ड तोड़ा है. अगस्त में औसत से ज्यादा बरसात हुई, जिसका नतीजा ये रहा कि इस बार पूरे महीने में प्रदेश के करीब 193 बांध ओवरफ्लो हो गए. जुलाई से तुलना करें तो अगस्त में बारिश औसतन कम हुई, लेकिन बांध जुलाई के मुकाबले दो गुना ज्यादा भरे हैं. यही कारण रहा कि इस बार चंबल, कालीसिंध, माही, बनास, जाखम नदियां उफान मारकर बहने लगीं. इन पर बने कुछ बांधों के गेट अभी तक खुले हुए हैं.


जुलाई से अगस्त में कम हुई औसत बारिश


मौसम केंद्र से मिली रिपोर्ट देखें तो राजस्थान में 1 से 30 अगस्त तक औसतन 215 एमएम बारिश हुई, जबकि जुलाई में 31 दिन के अंदर 266 एमएम औसत बरसात हुई थी. जुलाई में हुई बारिश से पूरे राज्य में छोटे-बड़े अच्छी 80 बांध छलके थे, जबकि अगस्त के महीने में 193 बांध ओवरफ्लो हुए. अगस्त में भी आखिरी 10 दिन (21 से 30 अगस्त तक) 78 बांध फुल हुए.


साल 2016 में हुई थी सबसे ज्यादा बरसात 


राज्य में पिछले 11 साल (साल 2011 से 2021) में हुई बारिश का रिपोर्ट कार्ड देखें तो यह चौथी बार है, जब अगस्त के महीने में 200 एमएम (8 इंच) से ज्यादा औसत बरसात हुई. सबसे ज्यादा बरसात साल 2016 में हुई, उस समय 31 दिन के अंदर औसतन 277.7 एमएम बारिश हुई थी. इसके अलावा 2011, 2012,  2019 और 2020 में भी 200 एमएम से ज्यादा औसत बरसात अगस्त के महीने में हुई है.


2 साल तक के पीने के पानी का हो गाय इंतजाम


राजस्थान में इस बार अच्छी बारिश से प्रदेश के बांधों में पानी की अच्छी आवक हुई है. जयपुर, अजमेर, पाली, टोंक जिलों के कई गांव और शहरों की सवा करोड़ से ज्यादा की आबादी के लिए अगले 2 साल तक के पीने के पानी का इंतजाम हो गया है. बीसलपुर बांध ओवरफ्लो होकर बहने लगा है, जबकि पाली का जवाई बांध 72 फीसदी भर गया है।. इन दो बांधों में अब भी लगातार पानी आ रहा है.


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अगस्त के महीने में खोले गए बीसलपुर बांध के गेट


इस बार बीसलपुर बांध के गेट अगस्त के महीने में खोले गए. 26 अगस्त को बांध के 2 गेट खोलकर पानी छोड़ना शुरू किया और इसे बीच में बढ़ाकर 4 गेट कर दिया था. वर्तमान में बांध के अब भी 2 गेट खुले हैं और उनसे 9015 क्यूसेक पानी प्रति सेकेंड छोड़ा जा रहा है. इसके अलावा कोटा बैराज, कालीसिंध और सोम कमला अम्बा बांध के गेट भी पिछले 15 दिनों से लगातार खुले हैं, जिनसे पानी छोड़ा जा रहा है.


कोटा संभाग के बांध भी हुए फुल


तीन जिलों की लाइफलाइन बीसलपुर का भरना एक करोड़ लोगों को सुकून पहुंचा रहा है, जबकि कोटा संभाग की बात करें तो यहां बने करीए एक दर्जन छोटे-बड़े बांधों में पानी फुल होने से खुशहाली की कामना की जा रही है. यहां से मध्य प्रदेश को भी पानी दिया जाता है.  राजस्थान और मध्य प्रदेश के समन्वय से ही यहां पानी को नहरों में छोड़ा जाता है. मना जा रहा है कि हाड़ौती संभाग के साथ एमपी के राजस्थान से सटे जिलों में भरपूर पानी की आवक से कई सालों की प्यास बुझ जाएगी.


5 दिन नहीं होगी बारिश


मौसम केन्द्र जयपुर के मुताबिक अगले 5 दिन प्रदेश में बारिश के कोई आसार नहीं हैं. मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में वर्तमान में कोई भी साइक्लोनिक सिस्टम एक्टिव नहीं है और राजस्थान में वेर्स्टन विंड का पैटर्न धीरे-धीरे एक्टिव हो रहा है. इस कारण वातावरण में नमी कम हो रही है और टेम्परेचर धीरे-धीरे बढ़ रहा है. राजस्थान में अधिकांश जिलोें में आगामी कुछ दिन शुष्क रहेंगे.


कोटा, उदयपुर, भरतपुर संभाग में कहीं-कहीं होगी बारिश


मौसम विभाग के मुताबिक 4 सितम्बर तक कोटा, उदयपुर और भरतपुर संभाग में हल्की बरसात होने की संभावना जताई जा रही है. तापमान की बात करें तो अधिकतम तापमान 33 डिग्री से लेकर 39 डिग्री तक रहने का अनुमान है, जबकि न्यूनमत तापमान 23 से 26 डिग्री रहने का अनुमान लगाया जा रहा है. मौसम विभाग के अनुसार तापमान में वृद्धि हो सकती है.


राजस्थान में यहां हुई सबसे अधिक बरसात


राजस्थान में सबसे अधिक बरसात झालावाड़ में हुई. यहां सामान्य बरसात 748.6 की तुलना में 1178.8 यानी 57 प्रतिशत बरसात अधिक हुई. प्रतापगढ़ में 775.6 की तुलना में 1035.8 एमएम बरसात हुई, जो 34 प्रतिशत अधिक है. वहीं कोटा में 632.8 सामान्य की तुलना में 1024.8 एमएम बरसात हुई, जो सामान्य से 64 प्रतिशत अधिक है. सिरोही में 739 एमएम सामान्य बरसात की तुलना में 1019.7 एमएम बरसात अधिक रिकॉर्ड की गई, जो सामान्य से 38 प्रतिशत अधिक रही. बारां में 718.2 सामान्य बरसात की अपेक्षा 876.8 एमएम बरसात हुई, जो सामान्य से 22 प्रतिशत अधिक रही. इन पांच जिलों में सर्वाधिक बरसात रिकॉर्ड की गई.


पिछले 11 साल में अगस्त माह की बरसात


वर्ष      बरसात एमएम
2021 - 126.1 एमएम
2020 - 221.6
2019 - 248.2
2018 - 92
2017 - 84.8
2016 - 277.7
2015 - 93.9
2014 - 153.7
2013 - 199.8
2012 - 250.2
2011 - 231.1


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