Kota Agriculture Festival: उमंग और उल्लास के प्रतीक कोटा के दशहरा मैदान में मंगलवार से कृषि का महोत्सव प्रारंभ हुआ. हाड़ौती में हुए कृषि के अब तक के इस सबसे बड़े महोत्सव  में भाग लेने के लिए कोटा, बूंदी, बारां और झालावाड़ के हर कौने से किसान पहुंचे. यहां कृषि की परम्परागत तकनीक से खेती कर रहे किसानों में आधुनिक खेती से जुड़ने, किसानी की नई तकनीकों को जानने और वैल्यू एडीशन से अपनी उपज की अधिक कीमत प्राप्त करने की ललक साफ दिखाई दी.


इस कृषि महोत्सव में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी पहुंचे. उनका पूरा जोर नवाचारों और तकनीक के माध्यम से किसानों को आधुनिक खेती से जोड़कर उनके सशक्तिकरण पर नजर आया. बिरला ने कहा  'जब तक किसानों की आय नहीं बढ़ेगी तब तक देश में आर्थिक परिवर्तन नहीं होगा. किसान इस देश की रीढ़ की हड्डी हैं. कोरोना के समय जब हर सेक्टर में उत्पादन घट गया था तब भी हमारे किसानों ने फसल उत्पादन में नए रिकॉर्ड स्थापित किए. किसान कृषि के साथ पशुपालन से भी जुड़ें. उन्होंने कहा हाड़ौती को हरित क्रांति के साथ श्वेत क्रांति का भी केंद्र बनाएं. कोटा बूंदी संसदीय क्षेत्र के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक लाख फलदार पौधे वितरित किए जाएं. किसान जब फसल के साथ नीबू, अमरूद, आंवला, बेर और अन्य फलदार पौधे लगाएगा तो इससे उसकी आमदनी और बढ़ेगी.'
 
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2023 को अन्तरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष किया घोषित
कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा ' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार किसानों को समर्पित है. 2014 में कृषि का बजट 23 हजार करोड़ रुपये था. जिसे 6 गुना बढ़ाकर 1 लाख 32 हजार करोड़ रुपये करने का काम मोदी सरकार ने किया है. इतना ही नहीं पीएम मोदी की पहल पर ही संयुक्त राष्ट्र महासभा ने साल 2023 को अन्तरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष घोषित किया है. इस प्रस्ताव का 72 देशों ने समर्थन किया है. मिलेट्स के प्रति दुनियाभर में जागरूकता बढ़ रही है. दुनिया में मिलेट्स के एक्सपोर्ट का फायदा राजस्थान सहित देशभर में मोटे अनाज का उत्पादन करने वाले हमारे किसानों को मिलेगा. नेचुरल फार्मिंग, शुद्ध आहार और मिलेट्स को निरन्तर मिल रहे प्रोत्साहन के कारण ही आज राजस्थान की थाली का स्वाद पूरी दुनिया तक पहुंच रहा है.'
 
एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड से बदल रही सूरत
कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने आगे कहा कि किसानों को आर्थिक सहायता देकर उन्हें समृद्ध बनाने के लिए केंद्र सरकार ने किसान उत्पादक संगठन, एफपीओ, की शुरूआत की है. इसके अन्तर्गत 10 हजार नए किसान उत्पादक संगठन बनाए जा रहे हैं. इसके अतिरिक्त एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड से हजारों प्रोजेक्ट स्वीकृत किए जा चुके हैं. इस फंड के माध्यम से कृषि में वैल्यू एडिशन करने वाले प्रगतिशील किसानों को पॉली हाऊस और वेयर हाऊस जैसे प्रोजेक्ट के लिए सस्ती दर पर 2 करोड़ रुपये के लोन दिए जा रहे हैं. वहीं इस मौके पर राजस्थान में कृषि और पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि देश दुनिया में खेती और पशुपालन में हो रहे नवचार की जानकारी किसानों को कृषि महोत्सव में मिलेगी.  किसानों को ताकत देने का काम केन्द्र और राज्य कर रहे हैं.  इसका अधिक से अधिक लाभ किसानों को जागरूकता के साथ उठाना होगा. 


सहकारिता मंत्री उदय लाल आंजना ने क्या कहा
वहीं सहकारिता मंत्री उदय लाल आंजना ने कहा कि कृषि और सहकारिता विभाग एक दूसरे के पूरक हैं. आज के समय खेतों का विभाजन हो गया है. ऐसे में सहकारिता की भावना से किसान समूह बनाकर कृषि के क्षेत्र में किए जा रहे नवाचारों को अपनाएं. उन्होंने प्रदेश में प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राम सेवा सहकारी समिति का चयन करने के सरकार के प्रयासों की जानकारी देते हुए कहा कि हर पंचायत में जीएसएस के माध्यम से किसानों को सहकारिता के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाया जाएगा.साथ ही भंडारण क्षमता बढ़ाने के लिए जीएसएस के माध्यम से गोदाम भी बनाए जाएंगे.
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