Rajasthan Jain Saint Sewant Muni Passes Away: अखिल भारतीय साधुमार्गी जैन संघ आचार्य नानेश के प्रथम शिष्य शासन प्रभावक सेवंत मुनि (Sewant Muni) का संथारा सहित देवलोक गमन हो गया है. मुनिश्री ने 78 वर्ष की उम्र में मंगलवार शाम 6:31 बजे अंतिम सांस ली. वो बीते करीब 18 साल से ब्यावर के समता भवन में स्थिरवास कर रहे थे. बुधवार को यहीं उनके अंतिम संस्कार की रस्म निभाई जाएगी. मुनि के देवलोक होने की खबर से सकल जैन समाज (Jain Community) में शोक छा गया है.


भीलवाड़ा के बनेड़ा गांव में हुआ था जन्म
संघ सदस्य नोरतमल बाबेल ने बताया कि मुनिश्री को देशभर में तपस्वी राज बापजी महाराज के नाम से जाना जाता था. उनका जन्म 31 अक्टूबर 1944, कार्तिक सुदी 15 संवत 2000 को भीलवाड़ा जिले के बनेड़ा गांव में हुआ था. 9वीं कक्षा तक अध्ययन करने के बाद 19 वर्ष की आयु में कार्तिक सुदी 3 संवत 2019 के पावन दिन उन्होंने गुरु आचार्य गणेशीलाल महाराज की आज्ञा से युवाचार्य नानालाल महाराज उदयपुर में दीक्षा ग्रहण की थी. कल 6 जून 2022, जेठ सुदी 2 संवत 2079 की शाम 4.40 बजे विजय मुनि महाराज ने उन्हें तिविहार संथारा ग्रहण कराया था. आज 7 जून 2022 की शाम को 6.31 बजे संथारा सीज जाने से देवलोकगमन हो गया. उनके सांसारिक जीवन में 4 भाई व तीन बहन हैं.


अंतिम दर्शन के लिए उमड़े भक्त
सोमवार को संत के संथारा लेने की खबर सुनने के बाद से ही कई शहरों के श्रावक-श्राविकाएं दर्शन के लिए ब्यावर पहुंच रहे हैं. संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौतमचंद रांका, स्थानीय अध्यक्ष अरविंद मूथा, महामंत्री चेतन कुमार हींगड़ सहित सैकड़ों लोग अंतिम दर्शन के लिए यहां आए हैं.


बुधवार सुबह किया जाएगा अंतिम संस्कार
मुनिश्री का अंतिम संस्कार बुधवार सुबह किया जाएगा. ब्यावर के समता भवन से सुबह 7.15 बजे डोल यात्रा प्रस्थान करेगी. यहां से हिंदू सेवा मोक्षधाम तक वैकुंठी निकाली जाएगी. मोक्षधाम में उनके सांसारिक परिवार के लोग व समाज सदस्य अंतिम संस्कार की रस्म निभाएंगे.


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