Rajasthan High Court News: राजस्थान हाई कोर्ट में अपने ही गुरुकुल की नाबालिग छात्रा से यौन शोषण के अपराध में अंतिम सांस तक कठोर कारावास की सजा भुगत रहे आसाराम बापू के पेरोल की प्रार्थना पत्र को खारिज करने के मामले की याचिका पर कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई है. इस याचिका पर कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रखा है. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनिंदर मोहन श्रीवास्तव व न्यायाधीश राजेंद्र प्रकाश सोनी की खंडपीठ में आसाराम की ओर से अधिवक्ता विकास बलिया ने पैरवी की जबकि राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल जोशी ने बहस के दौरान पैरवी कर अपना पक्ष रखा था.


याचिकाकर्ता ने याचिका में बताया कि जिला पेरोल सलाहकार समिति ने 21 अगस्त को याचिकाकर्ता को 20 दिन के पेरोल पर रिहा करने के प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया था. उसकी वजह पुलिस की विपरीत सिफारिश और कानून व्यवस्था बिगड़ने की आशंका बताई गई थी. याचिकाकर्ता ने दलील देते हुए. न्यायालय में बताया कि 11 साल से ज्यादा अवधि से आसाराम जेल में बंद है. जेल में उनका आचरण भी बहुत अच्छा है.


पेरोल दिए जाने की सिफारिश की
सामाजिक न्याय अधिकारी का विभाग ने आसाराम को पेरोल दिए जाने की सिफारिश की है. लेकिन जिला स्तरीय समिति ने इसकी अनदेखी कर रही है. जेल में याचिकाकर्ता का आचरण संतोषप्रद रहा है. उसकी उम्र को देखते हुए. पेरोल पर 20 दिन के लिए रिहा किया जाना चाहिए. इससे पहले भी जिला समिति ने आसाराम की पेरोल प्रार्थना पत्र नए नियमों के तहत खारिज किया था. हाईकोर्ट ने तब पुराने नियमों में नए सिरे से आसाराम के प्रार्थना पत्र पर विचार करने के निर्देश दिए थे.


1 सितंबर 2013 से है जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद
जोधपुर के मणाई स्थित आश्रम में नाबालिग के साथ 15 अगस्त की रात को भूत प्रेत का साया हटाने के नाम पर आसाराम के द्वारा कुटिया में नाबालिग को डरा धमकाकर उसके साथ छेड़छाड़ और रेप किया था. 20 अगस्त को दिल्ली के कमला नगर मार्केट पुलिस थाने में जीरो नंबर की एफआईआर दर्ज की गई. वो एफआईआर जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट वेस्ट को भेजी गई. जोधपुर पुलिस की टीम ने 31 अगस्त 2013 को आसाराम को छिंदवाड़ा स्थित आश्रम से गिरफ्तार कर 01 सितंबर 2013 को जोधपुर ले आई उसके बाद से लगातार आसाराम जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद है.


ये भी पढ़ें: Coronavirus in Rajasthan: जैसलमेर में 2 कोरोना सस्पेक्ट मरीज मिलने से हड़कंप, भीड़भाड़ वाले इलाकों में नहीं जाने की सलाह