Rajasthan News: कोरोना महामारी के दौरान स्कूले बंद रही जिसके चलते बच्चो की पढ़ाई नही हो पाई थी. बच्चों की पढ़ाई के नुकसान को पूरा करने के लिए राज्य सरकार ने पहली से आठवीं कक्षा तक के पढ़ाई के पैटर्न में बड़ा बदलाव किया है. इस सत्र में इन क्लासेज के स्टूडेंट को पिछली दो कक्षाओं की पढ़ाई करवाई जाएगी. इसमें आठ में से चार पीरियड यानी दो घंटे 20 मिनट पिछली दो कक्षाओं चार पीरियड वर्तमान क्लास की पढ़ाई होगी. इसके लिए छात्रों को वर्क बुक स्कूल की ओर से दी जाएगी. 


शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों में ये ही पैटर्न लागू किया है. वहीं सरकारी स्कूल के लिए तो वर्कबुक की व्यवस्था की गई है, जबकि प्राइवेट स्कूल के लिए वर्कबुक उपलब्ध नहीं कराई है. प्राइवेट स्कूल को वर्कबुक कहां से और कैसे मिलेगी? ये अभी तय नहीं है.


माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने शिक्षा के बढ़ते कदम नाम से शुक्रवार से नया कार्यक्रम जारी किया है. इसके तहत  पहली से आठवीं तक के स्टूडेंट को विशेष तरह की वर्क बुक स्कूल से दी जा रही है. पहली से पांचवी तक की वर्क बुक तो स्कूल तक पहुंच गई है. जगजीत छठी से आठवीं तक की वर्क बुक जल्द पहुंच जाएगी. इसी वर्क बुक में हर क्लास की पिछली क्लास का सिलेबस है. हिंदी, गणित और अंग्रेजी विषय का वर्क बुक की सहायता से काम करवाया जाएगा.


प्रदेश के सभी स्कूलों में कक्षा पहली से आठवीं तक के सभी सरकारी स्कूलों मे ब्रिज कोर्स की तरह पढ़ाई होगी. 


इसमें क्लास 1 में एट ग्रेड लेवल 1 क्लास
क्लास 2 मे एट ग्रेड लेवल 2 क्लास
क्लास 3 में बिहाइंड ग्रेट लेवल 1 व 2 क्लास 
क्लास 4 व क्लास 5 में बिहाइंड ग्रेट लेवल क्लास 2, 3 व 4 
क्लास 6 व 7 में बिहाइंड रेट लेवल क्लास 3, 4 व 5 
क्लास 8 में बिहाइंड ग्रेड लेवल 5 ,6 व 7 शामिल होगा.


बिहाइंड ग्रेट का मतलब पिछले कक्षाओं का सिलेबस है. 8 ग्रेड का अवश्य वर्तमान क्लास का सिलेबस है. ऐसे में कक्षा एक और दो में उसी क्लास का सिलेबस पढ़ाया जाएगा, लेकिन तीसरी से आठवीं तक पुराना सिलेबस भी पढ़ाना होगा. वर्क बुक क्लास एक से आठ तक होगी दो चरणों में होगा. ब्रिज कोर्स पहला चरण में जुलाई से सितंबर तक रोज सोमवार से शुक्रवार तक 8 में से 4 पेड़ पुरानी क्लास की पढ़ाई के लिए तय किए गए हैं. वित्तीय चरण दो पीरियड पुरानी क्लास छह पीरियड बर्तमान क्लास के होंगे.


राज्य सरकार कि शिक्षा विभाग की मंशा है कि कोरोनाकाल में बच्चों की पढ़ाई नहीं होने से पुरानी क्लास का आधार खत्म हो गया है. ऐसे में स्टूडेंट्स का आधार वापस तैयार करने के लिए ब्रिज कोर्स करवाना पड़ रहा है. विभाग का मानना है कि पिछले दो साल में बच्चों ने कुछ खास नहीं सीखा, ऐसे में लर्निंग लॉस खत्म करने के लिए पुरानी क्लासेज पढ़ाना जरूरी हो गया है.


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