Devnarayan Nagar Integrated Housing Scheme: राजस्थान में पहली बार कोटा शहर की सड़कें पशुओं से मुक्त होंगी. एक भी पशु सड़क या कॉलोनी में दिखाई नहीं देगा. अनूठे प्रयोग के तहत कोटा में 105 हेक्टेयर भूमि पर पशुपालकों को बसाया जा रहा है. पशुपालकों को नगर विकास न्यास की देवनारायण एकीकृत आवासीय योजना में जल्द ही गृह प्रवेश करवाया जाएगा. देवनारायण एकीकृत आवासीय योजना का नगर विकास न्यास की तरफ से विकसित किया गया है. पशुपालकों के लिए आधुनिक कस्बे में स्कूल, चिकित्सालय, पुलिस चौकी, बायोगैस संयंत्र, दुग्ध मंडी सहित कई सुविधाएं होंगी. दावा है कि योजना राजस्थान ही नहीं देश में भी एक मिसाल पेश करेगी. शहर के सभी पशु पालकों को एक ही जगह पर बसाया जा रहा है. फैसले से पशु पालकों में खुशी की लहर है. अधिकारियों में भी योजना से जुड़ने पर खुशी है.


कोटा शहर को मवेशी मुक्त बनाने के लिए अनूठी पहल


कोटा शहर को केटल फ्री बनाने और पशुपालकों के जीवन में आमूलचूल परिवर्तन करने वाली महत्वकांक्षी योजना को जिला प्रशासन ने पूरी तरह तैयार कर लिया है. कुछ ही दिनों में योजना को अमलीजामान पहनाए जाने की उम्मीद है. दावा है कि योजना से पशुपालाकों के जीवन में बड़ा बदलाव होने जा रहा है. साथ ही कोटा में आवारा मवेशियों से होने वालें हादसों से भी मुक्ति दिलाने में देश की अनूठी योजना महत्वपूर्ण साबित होगी. दूसरे प्रदेशों के लिए राजस्थान की योजना प्रेरणादायी बनेगी. नगर निगम, पशुपालन विभाग, पुलिस, चिकित्सा, परिवहन विभाग, विद्युत, जलदाय सहित अन्य विभागों में भी योजना से उत्साह का माहौल है. सभी विभागों ने अपनी सेवाएं देने के लिए कटिबद्वता जाहिर किया है.


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शुरुआत में 501 पशुपालकों को योजना के तहत शिफ्ट किया जा रहा है. शिफ्टिंग की प्रक्रिया लगातार जारी रहेगी. कुछ ही दिन में पुशपालकों को गृह प्रवेश करा दिया जाएगा. योजना विकसित किए जाने से पहले शहर में कई समास्याओं का सामना करना पड़ रहा था. मूलभूत सुविधाओं से वंचित दयनीय स्थिति में रह रहे पशुपालकों का सर्व करवाया गया. साथ ही देश के अन्य प्रदेशों में संचालित की जा रही योजना का अध्ययन, अवलोकन कर बंधा धर्मपुरा के 105 हेक्टेयर भूमि पर देवनारायण आवासीय योजना को अत्याधुनिक सुविधाओं और हाइटैक तरीके से विकसित किया गया. 


योजना में सभी सुविधाओं का समावेश करते हुए पशुपालकों को बड़ी सौगात दी गई है. पशुपालकों को आवास के साथ पशुबाडे, भूसा कक्ष, बिजली, पानी, चौडी सडकें, सीवरेज जैसी मूलभूत सुविधाओं के अलावा स्कूल, चिकित्सालय, दुग्ध मंडी, हाट बाजार, सामुदायिक भवन, भूसा गौदाम, पुलिस चौकी, डेयरी उद्योग, चारागृह मैदान, मिल्क प्रोसेसिंग यूनिट, बायोगैस प्लांट, आवागमन के लिए बसों का संचालन किया जा जाएगा ताकि योजना का मूल उददेश्य सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक विकास को पूरा किया जा सके.


गोबर से होगी आमदनी, जल्द खुलेगी मिल्क प्रोसेसिंग यूनिट


देवनारायण आवासीय योजना जल्द ही देवनारायण नगर के नाम से पहचान बनाएगी. आधुनिक कस्बे में गोबर से भी पशुपालकों को आमदनी होगी. नगर विकास न्यास एक रुपए प्रतिकिलो की दर से गोबर खरीदेगा. पशुपालकों को अतिरिक्त आमदनी होगी. साथ ही घरेलू गैस के लिए भी बायोगैस से कनेक्शन मिलेंगे. अतिरिक्त गैस उत्पादन होने पर राजस्थान स्टेट गैस लिमिटेड को विक्रय की जाएगी. 4.79 हेक्टेयर में मिल्क प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित की जाएगी. शीघ्र ही प्रोसेसिंग यूनिट शुरू होते ही पशुपालकों को दुग्ध विक्रय की सुविधा भी उपलब्ध होगी. कोटा शहर को कैटल फ्री बनाकर आवारा मवेशियों से होने वाले हादसों से मुक्ति दिलवाने की बड़ी पहल है. उम्मीद की जानी चाहिए पशुपालकों के लिए कोटा में विकसित की गई देवनारायण आवासीय योजना मिसाल बनेगी.


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