Rajasthan Crime News: रिश्ते और मानवता पर एक बार फिर अंधविश्वास और अंधभक्ति हावी होता दिखा, जब एक पिता ने भगवान को प्रसाद चढ़ाने के लिए अपने 12 साल के बेटे को महज 20 हजार रुपये के लिए बंधुआ मजदूरी में धकेल दिया. राजस्थान के कोटा जिले में मानवता को शर्मसार कर देने वाला ये मामला सामने आया है. 

जानकारी के मुताबिक, पिता ने गांव में देवता को भोग लगाने के लिए पैसों की जरूरत बताई और इसी वजह से अपने बेटे को एक रिश्तेदार को सौंप दिया. पीटीआई के अनुसार, उस रिश्तेदार ने बच्चे से बूंदी जिले में पॉप आर्ट मूर्तियों के निर्माण में काम भी करवाया.

सूचना मिलने पर बच्चे को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया

बताया गया कि बच्चा 21 जून को बूंदी लाया गया था और उससे प्रतिदिन सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक काम कराया जाता था. चाइल्ड हेल्प लाइन 1098 के जिला समन्वयक रामनारायण गुर्जर के अनुसार, बूंदी रेलवे स्टेशन पर एक बच्चा बैठा मिला, जो उदयपुर जाना चाहता था.

जयपुर नियंत्रण कक्ष से सूचना मिलने के बाद टीम मौके पर पहुंची और काउंसलर मंजीत के साथ मिलकर बच्चे को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया. बाद में उसे बाल कल्याण समिति (CWC) के समक्ष पेश किया गया.

लड़के ने अपनी मां को फोन कर पूरी बात बताई

CWC अध्यक्ष सीमा पोद्दार ने बताया कि लड़का मानसिक रूप से बेहद आहत था. उसने बताया कि वह जबरन मजदूरी कर रहा था और घर नहीं लौट पा रहा था क्योंकि पिता पहले ही रुपये ले चुके थे. आखिरकार उसने गुरुवार (3 जुलाई) को भागने का फैसला लिया और स्टेशन पहुंचकर एक अजनबी से मदद मांगी, जिससे अपनी मां को फोन कर पूरी आपबीती बताई.

फिलहाल श्रम विभाग, मानव तस्करी रोधी इकाई और चाइल्डलाइन की संयुक्त कार्रवाई में आरोपी रिश्तेदार के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS), किशोर न्याय अधिनियम और बाल श्रम कानून के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है. 

बच्चे को सीडब्ल्यूसी के प्रमाण पत्र के आधार पर तत्काल 30,000 रुपये की वित्तीय सहायता भी दी जाएगी. मामला बच्चों के साथ हो रहे शोषण की भयावह सच्चाई को उजागर करता है और जिम्मेदार एजेंसियां अब आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी में हैं.