जैसलमेर बस हादसे के बाद परिवहन विभाग की कार्रवाई से नाराज़ा ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट बस एसोसिएशन ने कल रात से प्रदेश में चक्का जाम कर दिया है. ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट एसोसिएशन की क़रीब 8 हज़ार बसे प्रदेश में संचालित होती है जो कि कल रात से बंद हो चुकी है ऐसे में यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं दूसरी तरफ़ निजी बस ऑपरेटर एसोसिएशन की ओर से भी चक्का जाम का ऐलान कर दिया गया है

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दो नवंबर से प्रदेश में संचालित होने वाली क़रीब 30, हज़ार निजी बसें भी चक्का जाम करेंगी. इन बसों में प्रतिदिन लाखों यात्री यात्रा करते हैं यदि निजी बस ऑपरेटर्स की मांगो पर सहमति नहीं बनती है तो प्रदेश में चक्का जाम की स्थिति बन सकती है. परिवहन विभाग की ओर और बसों के चालान और सिजिंग की कार्रवाई के विरोध में बैठक का आयोजन कर रहे हैं जिसमें प्रदेश भर के निजी बस मालिक शामिल होंगे और 2 नवंबर को चक्का जाम किया जाएगा.

बस ऑपरेटरों की सरकार से तीन महीने की मोहलत की मांग

निजी बस ऑपरेटर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सत्यनारायण साहू ने बताया कि जैसलमेर बस हादसे के बाद परिवहन विभाग लगातार निजी बसों पर कार्रवाई कर रहा है ऐसे में हम सरकार से मांग करते हैं कि हमें तीन महीने का समय दिया जाए जिसमें तकनीकी और बॉडी मैकिंग की कमी खामियों को दूर किया जा सके विभाग जल्दबाज़ी में निजी बस ऑपरेटर्स पर कार्रवाई कर रहा है.

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चालान और सीज की बढ़ती कार्रवाई से बढ़ी नाराजगी

एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सत्य नारायण साहू ने बताया कि जैसलमेर बस हादसे के बाद अब तक् एक हज़ार से ज़्यादा बसों के चालान किए गए हैं वहीं 200 से ज़्यादा बसों को सीज कर दिया गया है इन बसों पर लाखों रुपया का जुर्माना लगाकर बस ऑपरेटर्स को परेशान किया जा रहा है जोकि पूरी तरीक़े से ग़लत है.

सरकार और विभाग दोनों को ठहराया जिम्मेदार

परिवहन विभाग की ओर से बसों को परमिट दिया जाता है और फ़िटनेस सर्टिफ़िकेट दिया जाता है यदि बस मालिक दोषी है तो परिवहन विभाग भी उतना ही दोषी है. माना हम ग़लत है लेकिन बॉडी में मेकिंग की कमी को दूर करने के लिए विभाग को हमें समय देना चाहिए जिससे कि हम उस कमी को दूर कर सकें जब समय नहीं मिलेगा तो फिर कमी दूर कैसे होगी. अगर अब परिवहन विभाग हमारी मांगो पर सहमति नहीं जताता है तो अब चक्का जाम के अलावा दूसरा कोई चारा नहीं है. आम जनता को भी इससे परेशानी उठानी पड़ेगी और 2 नवंबर से प्रदेश में 30, हज़ार निजी बसों के संचालन पर पूरी तरीक़े से रोक रहेगी.