Rajasthan Election Result 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार हो गई हैं. वहीं अब इस हार पर मंथन होना है. इस चुनाव में गुर्जर समुदाय की बहुलता वाले पूर्वी राजस्थान के आठ जिलों में कांग्रेस को इस विधानसभा चुनाव में दस सीट का नुकसान हुआ है. समुदाय के लोगों ने दावा किया है कि सचिन पायलट की उपेक्षा इसका बड़ा कारण है.


कांग्रेस को 10 सीटों का नुकसान 
राज्य की 200 सदस्यीय विधानसभा की 199 सीट पर मतदान हुआ जिसके वोटों की गिनती रविवार को की गई. इसमें भाजपा को 115 सीट के साथ बहुमत मिला जबकि कांग्रेस 69 सीट पर सिमट गई. पूर्वी राजस्थान के आठ जिलों में अलवर, भरतपुर, बूंदी, दौसा, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर और टोंक शामिल हैं. यहां कांग्रेस की सीट इस विधानसभा चुनाव में 29 से घटकर 19 रह गईं, जबकि बीजेपी को 14 सीट का फायदा हुआ और उसे कुल 42 में से 20 सीटें हासिल हुईं.


पायलट की वजह से हुआ था फायदा?
साल 2018 में कांग्रेस ने पूर्वी राजस्थान में 42 में से 29 सीट जीती थीं जबकि भाजपा को छह सीट मिली थीं. इस क्षेत्र की कई सीटों पर गुर्जर मतदाताओं को निर्णायक माना जाता है. गुर्जर समुदाय से आने वाले पायलट 2018 में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष थे और तब उन्होंने चुनाव में पार्टी की अगुवाई की थी. लेकिन इस बार के चुनाव में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अभियान का नेतृत्व कर रहे थे. पायलट ने अपनी टोंक सीट के साथ-साथ अपने समर्थकों की कुछ अन्य सीट पर ध्यान केंद्रित रखा था.


पिछली बार मिले थे बंपर वोट
साल 2018 में कांग्रेस को बहुमत मिलने के बाद पायलट मुख्यमंत्री पद की दौड़ में थे लेकिन पार्टी आलाकमान ने अशोक गहलोत को तीसरी बार मुख्यमंत्री बनाते हुए पायलट को उपमुख्यमंत्री बनाया.


मनमुटाव बना वजह?
जुलाई 2020 में पायलट एवं उनके कुछ समर्थक विधायकों द्वारा गहलोत नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह करने के बाद पायलट को उपमुख्यमंत्री एवं प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया. पायलट और गहलोत के बीच आंतरिक कलह खुलकर सामने आने पर गहलोत ने पायलट को 'गद्दार' और 'निकम्मा' तक कह दिया. दोनों नेताओं के बीच मनमुटाव काफी स्पष्ट रहा है.


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