Rajasthan Assembly Election Result 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद पार्टी की ओर से लगातार अपनी पराजय को लेकर मंथन किया जा रहा है. बैठकों में आरोप प्रत्यारोप के साथ घमसान भी जारी है. जोधपुर जिले की 10 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस को मात्र दो सीट पर जीत मिली है. इस हार पर चर्चा करने के लिए कांग्रेस नेताओं के द्वारा रविवार (10 दिसंबर) को जोधपुर शहर जिला कांग्रेस कमेटी में एक बैठक का आयोजन किया गया. इस बैठक के दौरान कार्यकर्ताओं ने जमकर अपनी भड़ास निकाली. कार्यकर्ताओं ने कई उदाहरण भी दिए कि हम क्यों हारे? बैठक में भाग लेने वाले नेताओं ने हार का सबसे बड़ा कारण जालोरी गेट दंगों की घटना को बताया. 


सूरसागर क्षेत्र के पूर्व पार्षद राजेश बोराणा ने साफ शब्दों में कहा कि सीएम हाउस में हमारी एंट्री बंद थी. जिसके चलते हमारे काम नहीं हुए. सीएमओ में पुखराज पाराशर, देवाराम सैनी और महिपाल भारद्वाज जैसे लोग बैठे थे. जिन्होंने कांग्रेस को डुबो दिया जो कार्यकर्ता हमारे पास आए, उनका काम ही नहीं हुआ. प्रदेश के मुखिया के पास आलोचक होना जरूरी होता है. जो कमियां बता सके साथ ही चुनाव से पहले कार्यकर्ताओं की भावनाओं के अनुरूप टिकट देते तो हमारी जीत पक्की थी. हार के विश्लेषण को लेकर आयोजित की गई बैठक में कार्यकर्ताओं को तवज्जो नहीं देने का मुद्दा भी उठाया गया. इस दौरान कई कार्यकर्ता आपस में उलझ गए. 



गहलोत-पायलट का झगड़ा हार के लिए जिम्मेदार
बैठक में कार्यकर्ताओं ने कहा कि मंडल स्तर पर कार्यकर्ता हमसे दूर क्यों हो गए. इस बात पर चर्चा होनी जरूरी है. अंत में सभी ने अशोक गहलोत पर विश्वास जताने और लोकसभा चुनाव के लिए सब कुछ भूल कर तैयारी करने की बात पर सहमति बनाने का निर्णय लिया. वरिष्ठ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कहा कि राजस्थान के कार्यवाहक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रहा झगड़ा सबसे बड़ा कारण था. इस झगड़े के चलते आम जनता के काम नहीं हुए. पार्टी में चल रही कलह जग जाहिर हो गई थी.


'कांग्रेस के विकास कार्यों की हुई अनदेखी'
जोधपुर शहर से पूर्व विधायक मनीष पंवार ने कहा कि हार में जालोरी गेट की घटना को लेकर बड़ा झूठ फैलाया गया था, जबकि हमने पीड़ितों के घर जाकर मुआवजा दिया. हमारे विकास के काम को अनदेखा किया गया. जोधपुर कांग्रेस शहर जिला अध्यक्ष सलीम खान ने बैठक में कहा कि ध्रुवीकरण के चलते हमारी हार हुई है. बीजेपी ने चार बाबाओं को मैदान में उतारा तो हमें लगा कि यह विकास नहीं धर्म के मुद्दे पर चुनाव मैदान में उतरे हैं. साथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सभा के कारण सरदारपुरा विधानसभा सीट सहित सभी सीटों पर काफी प्रभाव पड़ा है. जिससे सीएम अशोक गहलोत की जीत का अंतर भी काफी कम हुआ है.


'ध्रुवीकरण के कारण कांग्रेस की हुई हार'
जोधपुर कांग्रेस शहर जिला अध्यक्ष नरेश कुमार जोशी ने कहा कि हमने कार्यकर्ताओं को धन्यवाद दिया. लोकतंत्र में हार जीत तो स्वाभाविक है, जो भी हार के कारण रहे हों उनको भुलाकर अब हम लोकसभा 2024 के चुनाव के लिए मैदान में उतर रहे हैं. ध्रुवीकरण की राजनीति के चलते पार्टी को हार मिली है. राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने कहा कि जोधपुर में हार हुई है. उसके लिए विश्लेषण की आवश्यकता है. नेता और कार्यकर्ता सिर्फ एक ही चीज मांगता है, वो है मान सम्मान वो कार्यकर्ताओं को नहीं मिला. ऐसे में यह सोचने की आवश्यकता है कि हमारा कार्यकर्ता हमसे क्यों दूर हुआ, हम सब में कमियां रही हैं. इस पर विचार करना चाहिए. जिससे लोकसभा चुनाव में नुकसान नहीं हो साथ ही टिकट रिपीट करने के कारण हमारे प्रत्याशियों की हार हुई है.


'कार्यकर्तओं को नहीं मिला मान सम्मान'
इस बैठक के दौरान कार्यकर्ताओं ने कहा कि प्रत्याशी बदले जाते तो जोधपुर में हमारी इतनी बड़ी हार नहीं होती. ना ही सीटें घटती कार्यकर्ताओं पर सवाल उठाना सबसे आसान है, लेकिन कार्यकर्ताओं को मान सम्मान नहीं मिला. नेताओं ने उनकी बात नहीं सुनी इसको लेकर कई बार बैठक में हंगामा भी हुआ. इस दौरान कल्पेश सिंघवी ने कहा कि अगर कोई कार्यकर्ता कार्यालय नहीं आया तो किसी ने पूछा क्यों नहीं? ऐसे में कार्यकर्ताओं को सशक्त करने की जरूरत है. पुरानी परंपरा से वापस काम करेंगे तो मजबूती आएगी. कार्यकर्ताओं ने कहा कि जोधपुर शहर विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं के घर पर पर्ची दी गई. उसे पर पार्टी का सिंबल था. जबकि पहले कभी ऐसा नहीं हुआ. पार्टी का सिंबल मतदाता की पर्ची पर होना भी हमारी हार का बड़ा कारण रहा है.


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