Rajasthan Assembly: राजस्थान में भाजपा की सरकार बनने के साथ ही मंत्रीपद की दौड़ भी शुरू हो गई है. पूर्व में बनाए गए मंत्री और वर्तमान में उभरकर सामने आए कद्दावर नेताओं को मंत्रीमंडल में जगह मिल सकती हैं, लेकिन लोकसभा चुनावों को देखते हुए जातिगत समीकरण भी देखे जा रहे हैं जिसमें सभी वर्गों को खुश करने की कवायद होगी. कोटा संभाग की बात करें तो यहां कुछ विधायकों का मंत्री बनना लगभग तय है. हाडौती संभाग में 17 में से भाजपा ने 11 सीटे जीती हैं. चार जिलों में से तीन जिले अहम हैं, जिसमें भाजपा से मंत्री मंडल में विधायकों को जगह मिल सकती है.


11 विधायकों में से कौन बनेगा मंत्री और क्यों जानिए


विधयकों के समर्थकों ने अभी से मंत्री बनाने के लिए स्वर तेज कर दिए हैं. माना जा रहा है कि हाड़ौती से इस बार मदन दिलावर, प्रताप सिंह सिंघवी, कंवरलाल मीणा, कल्पना देवी, हीरालाल नागर और संदीप शर्मा मंत्री पद पा सकते हैं. हाड़ौती से दूसरी बार जीते विधायकों में गोविंद रानीपुरिया, ललित मीणा व कालूलाल मेघवाल शामिल हैं. कोटा जिले की रामगंज मंडी सीट से विधायक बने मदन दिलावर जब भी भाजपा शासन में चुनाव जीते हैं, वे मंत्री रहे हैं. इनमें 1995 और 2003 में वे मंत्री थे. दोनों बार में बारां-अटरू विधानसभा सीट से चुनाव जीते थे. दिलावर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खेमे से एक मजबूत नाम हैं. ऐसे में उन्हें मंत्री पद से भी नवाजा जा सकता है. दिलावर एससी कम्युनिटी से आते हैं, ऐसे में उन्हें फायदा मिल सकता है.


मंत्रीपद की दौड में संदीप शर्मा, हीरालाल नागर, प्रताप सिंह सिंघवी भी शामिल


कोटा दक्षिण विधानसभा सीट से संदीप शर्मा तीसरी बार जीते हैं और सांगोद विधानसभा से हीरा लाल नागर दूसरी बार विधायक बने हैं, लेकिन छबड़ा विधानसभा सीट से सातवीं बार चुनाव जीते जीतकर आए प्रताप सिंह सिंघवी भी मंत्रीपद की दौड में आगे चल रहे हैं. यह वसुंधरा सरकार में मंत्री रह चुके हैं, लेकिन दूसरी बार बनी भाजपा सरकार में इन्हें जगह नहीं मिली थी. संदीप शर्मा और हीरालाल नागर लोकसभा अध्यक्ष के करीबी हैं ऐसे में दोनो मंत्री के लिए दावेदार हैं. 


कंवर लाल मीणा संग कल्पना देवी भी रेस में शामिल 


अंता में कांग्रेस के कद्दावर नेता व मंत्री प्रमोद जैन भाया को हराने के बाद कंवरलाल मीणा का नाम भी तेजी से आगे आया है. साल 2013 में मनोहर थाना से चुनाव जीते थे. इसके बाद 2018 में उन्हें टिकट नहीं मिला था. वहीं 2023 में उन्हें अंता विधानसभा सीट से चुनाव लड़ाया और जीत गए. इस सीट का भी यह समीकरण रहा है कि यहां से 2008 के बाद जो भी चुनाव जीता है. वह सरकार में मंत्री बना है. दूसरी तरफ एसटी कम्युनिटी से होने से भी उन्हें फायदा मिल सकता है.


लाडपुरा विधानसभा से दूसरी बार चुनाव जीती कल्पना देवी राजपूत कम्युनिटी से आने, महिला और राज परिवार से आने से भी उन्हें फायदा मिल सकता है। झालावाड जिले की बात करें तो वहां से सीधे ही वसुंधरा राजे आती हैं, ऐसे में वह मुख्यमंत्री की दौड में चल रही हैं. जबकी बूंदी में भाजपा सभी सीटों को हार गई है.


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