राजस्थान कैबिनेट की रविवार (31 अगस्त) को अहम बैठक हुई. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में हुई बैठक में कई अहम फैसले लिए गए. प्रदेश में धर्मांतरण को रोकने के लिए कानून बनाया जाएगा. इसे लेकर नया प्रारूप विधानसभा के आगामी सत्र में प्रस्तुत किया जाएगा. इस कानून के मुताबिक कोई भी व्यक्ति या संस्था धोखे से या जबरदस्ती धर्मांतरण नहीं करवा सकेगी.
कैबिनेट की बैठक में 'राजस्थान विधिविरूद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2025' के नए प्रारूप का अप्रूवल किया गया. इसके मुताबिक कोई व्यक्ति कानून के खिलाफ धर्म परिवर्तन कराने के मकसद से विवाह करता है, तो फैमिली कोर्ट ऐसे विवाह को अमान्य घोषित कर सकेगा.
धर्मांतरण को रोकने के लिए बनेगा कानून
इस कानून के प्रारूप के मुताबिक कोई अपने मूल धर्म में लौटना चाहता है तो उस पर ये प्रावधान लागू नहीं होंगे. गलत सूचना देकर बलपूर्वक कार्य करना, धोखाधड़ी, जबरदस्ती प्रचार करना, प्रलोभन देना, शादी का झांसा देकर धर्म परिवर्तन करने पर प्रतिबंध रहेगा. धर्म परिवर्तन करने पर कम से कम 7 साल और अधिकतम 14 साल की सजा के साथ 5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.
2 लाख स्ट्रीट लाइट्स लगाए जाने को मंजूरी
कैबिनेट की बैठक में प्रदेश में 312 नगरीय निकायों में 1 लाख के स्थान पर 2 लाख स्ट्रीट लाइट्स लगाए जाने को मंजूरी प्रदान की गई है. प्रदेश में नगरीय निकायों की संख्या बढ़कर 312 हो गई है. नगर निकायों में कई जगहों पर पुरानी हो चुकीं लाइट्स के स्थान पर नए लाइट्स लगाने की जरूरत को देखते हुए यह संख्या एक लाख से बढ़ाकर 2 लाख करने को मंजूरी दी गई है. इस पर करीब 160 करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है.
राजस्थान कैबिनेट की बैठक में और क्या-क्या फैसले?
- कैबिनेट की बैठक में पीएम सूर्यघर 150 यूनिट निःशुल्क बिजली योजना को मंजूरी दी गई है.
- 150 यूनिट से अधिक मासिक औसत उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं के घरों पर 1.1 किलोवाट के सोलर पैनल लगाए जाएंगे.
- राजस्थान सेवा नियमों में परिवर्तन किया गया, इससे कार्मिकों को पदोन्नति का लाभ मिलेगा.
- सीवरेज अपशिष्ट जल 2016 की नीति में परिवर्तन किया गया. इससे सीवरेज जल को फिर से इस्तेमाल में लाया जाएगा.
- राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के सेवा नियम को बनाने की अनुमति दी गई.