Rajasthan Elections 2023: राजस्थान में चुनावी माहौल (Rajasthan Assembly Election 2023) गरमाया हुआ है. सभी जिलों में नेताओं के दौरे और काम जारी है. मगर, बिपरजॉय चक्रवात (Biparjoy Cyclone) के आने से राजस्थान के कई  जिलों में राजनीतिक दलों के 'जॉय' पर संकट मडराने लगा है. ये जिले कांग्रेस और बीजेपी दोनों के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं. हालांकि, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने हवाई दौरे कर लिए हैं. उन्होंने सबको मिलकर साथ काम करने की बात कही है.वही बीजेपी  इन जिलों में सरकार पर लापरवाही का आरोप लगा रही है.ये जिले बेहद खास हैं. चिंता तो राजनीतिक दलों को है ही साथ ही साथ नुकसान की भरपाई की तैयारी में कोई कोताही नहीं बरतना चाह रहा है.यहां पर पार्टियों की सभाएं और कार्यक्रम फिलहाल के रूक गए हैं. क्योंकि, इस चक्रवात से हजारों लोगों को बड़ा नुकसान हुआ है.पाली और राजसमंद पर भी सबकी नजरें टिकी हैं. 


प्रभावित जिलों की राजनीतिक स्थिति  


बाड़मेर, सिरोही, जालौर सहित कई जिलों में बिपरजॉय चक्रवात का बड़ा असर है.इन जिलों का सीएम ने हवाई सर्वेक्षण किया है. बाड़मेर जिले में कुल सात विधानसभा सीटें हैं. शिव, बाड़मेर, बायतु, पचपदरा, सिवाना, गुडामलानी और चोह्टन में इस चक्रवात का असर बताया जा रहा है. इस जिले में कांग्रेस के ज्यादा विधायक हैं.सिरोही जिले में तीन विधानसभा सीटें हैं सिरोही, पिंडवाड़ा और रेवदर है. यहां पर चक्रवात का पूरा असर पड़ा है.सिरोही जिले में कांग्रेस की स्थिति अभी मजबूत है.जालौर जिले में कुल पांच विधानसभा की सीटें हैं, आहौर, भीमाल, जालौर (अजा), रानीवाड़ा और सांचौर. यहां बिपरजॉय चक्रवात का असर पड़ा है.जालौर में बीजेपी की कुल चार सीटें है. 


मुख्यमंत्री किया हवाई सर्वेक्षण


मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जालोर में बिपरजॉय चक्रवात से प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया.हवाई सर्वेक्षण के बाद मुख्यमंत्री ने जालौर के आईपुरा,वेडिया और आसपास के क्षेत्रों के बाढ़ प्रभावितों से मिलकर उनकी समस्याएं भी सुनी हैं. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को प्रभावितों के लिए अस्थायी आवास, भोजन, पेयजल, चिकित्सा, विद्युत, सफाई आदि का विशेष ध्यान रखने को कहा है. वहीं बाड़मेर में भी सीएम ने दौरे किए हैं. उन्होंने चौहटन, धनाऊ और आसपास के क्षेत्रों में सर्वे करने के बाद प्रभावितों से मुलाकात भी की. 


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