Candidates allege scam in Ayurveda Nursing Recruitment Process: रीट भर्ती घोटाले (Reet Recruitment Scam) को लेकर मामला शांत भी नहीं हुआ था कि, इस बीच आयुर्वेद नर्सिंग भर्ती प्रक्रिया (Ayurveda Nursing Recruitment Process) में घोटाले (Scam) का नया मामला उजागर हुआ है. इन आरोपों के उजागर होने के बाद, बेरोजगार अभ्यर्थियों (Unemployed Candidates) ने आज डॉक्टर राधाकृष्णन सर्वपल्ली आयुर्वेद विश्वविद्यालय जोधपुर (Dr. Sarvepalli Radhakrishnan Ayurved University, Jodhpur) में प्रदर्शन किया.


इस विरोध प्रदर्शन के दौरान अभ्यार्थियों ने जमकर कॉलेज परिसर में नारेबाजी की, जिसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन (University Administration) को मौके पर पुलिस बुलानी पड़ी. बेरोजगार अभ्यर्थियों की मांग है कि, "भर्ती को पारदर्शिता से पूरी कराने के लिए रीट भर्ती की तर्ज पर इस भर्ती की भी जांच एसओजी (SOG) को दी जाए. जिससे योग्य अभ्यर्थियों के साथ पूरी तरह से न्याय हो सके."


भर्ती प्रक्रिया में अभ्यर्थियों ने लगाया फर्जी डिग्री (Fake Degree) के इस्तेमाल का आरोप
इस भर्ती प्रक्रिया में अभ्यर्थियों ने भीलवाड़ा (Bhilwara) क्षेत्र विशेष के लोगों को फायेदा पहुंचाने लिए फजी डिग्री के इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है. जबकि ठेके (Contract) पर लगे कर्मचारियों, संविदा कर्मी (Contract Workers) बताकर, भर्ती प्रक्रिया (Hiring Process) में उन्हें बोनस नंबर (Bonus Number) दिया जा रहा है. विशेष लोगों को फायेदा पहुंचाने के लिए भर्ती परीक्षा के बीच में नियमों में संशोधन (Amendment of Rules) किया गया. यह नौकरी के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों के अधिकारों का हनन है.


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फर्जी डिग्री (Fake Degree) लेने वालों के मार्कशीट (Mark Sheet) में नंबर 80 फ़ीसदी से है ऊपर
अभ्यार्थियों का आरोप है कि, इस भर्ती प्रक्रिया में राजस्थान के बाहर से फर्जी डिग्री लेकर या खरीद कर कुछ लोगों ने आवेदन किया है. ऐसे सभी अभ्यार्थियों के मार्कशीट में नंबर 80 फ़ीसदी से ऊपर है. ऐसे में राजस्थान के मेधावी और परिश्रमी योग्य उम्मीदवारों के साथ अन्याय हो रहा है. अभ्यर्थियों ने फर्जी डिग्री को लेकर कहा कि, आयुष नर्सिंग डिप्लोमा (Ayush Nursing Diploma) रेगुलर होता है. वहीं बहुत सारे अभ्यार्थी बिना विश्वविद्यालय में गए, डिग्रियां खरीद कर राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय (Rajasthan Ayurved University) और उससे संबंधित विश्वविद्यालयों के अभ्यर्थियों के साथ अन्याय कर रहे हैं.


NPCDCS में काम करने वाले फार्मासिस्टों (Pharmacists) को नर्सिंग (Nursing) के माना गया समकक्ष 
अभ्यार्थियों का कहना है कि, किसी भी भर्ती प्रक्रिया में विज्ञप्ति (Notification) जारी होने के बाद नियमों में संशोधन नहीं किया जा सकता है. वहीं भीलवाड़ा जिले में संचालित होने वाली NPCDCS योजना में काम करने वाले फार्मासिस्टों को नर्सिंग के समकक्ष मानते हुए अवैधानिक तरीके से बोनस दिया जा रहा है. इसका आदेश भी विज्ञप्ति जारी होने के बाद निकाला गया है. इस संशोधन के जरिये बेरोजगारों का हक छीना जा रहा है. 


इन सभी आरोपों को लेकर अभ्यार्थियों ने विश्वविद्यालय परिसर में जमकर विरोध प्रदर्शन किया, जहां उन्हों इस मामले की जांच एसओजी से करवाने की मांग की. इस दौरान अभ्यार्थियों और आयुर्वेद विभाग के संगठनों ने एसओजी (SOG) के एडीजी (ADG) अशोक राठौड़ को भी पत्र लिखा और इस मामले में हस्ताक्षेप करने को कहा है. 


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