Rajasthan Weather News: राजस्थान के कोटा संभाग में पिछले 2 दिन से रुक-रुक कर हो रही बरसात ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया है. बरसात से खड़ी और काट कर खेतों में रखी गई फसलों को भारी नुकसान हुआ है. बूंदी में शनिवार देर रात को ओले गिरे और जमकर बरसात हुई. कोटा शहर में भी तेज बरसात देखने को मिली, दिन में मौसम साफ रहा लेकिन रात को फिर से तेज बरसात ने किसानों की खड़ी फसल को भारी नुकसान किया है. 


1 दर्जन से ज्यादा गांवों में ओलावृष्टि
इटावा उपखंड क्षेत्र में बेमौसम बारिश का दौर शनिवार को भी जारी रहा. यहां एक दर्जन से अधिक गांवों में ओलावृष्टि हुई, जो किसानों के लिए मुसीबत बन गई. कोटा में देर रात तक 3.2 एमएम बरसात रिकॉर्ड की गई. जिसकी वजह से न्यूनतम पारे के साथ-साथ अधिकतम पारे में भी 10 डिग्री सेल्सियस तक की कमी आई है.


सरसों, चने, धनिये, मेथी की फसलों को नुकसान
बारिश के चलते क्षेत्र में प्रकृति के कहर ने किसानों के अरमानों को चूर चूर कर दिया. एक तरफ खेतो में पकी व कटी फसलें है. वही दूसरी तरफ इस बेमौसम बारिश व ओलावर्ष्टि के चलते सरसों, चने, धनिये, मेथी की फसलों में काफी नुकसान हुआ है. किसानों को हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए पीपल्दा तहसीलदार अरुण कुमार सिंह ने गणेशगंज, मुंगेना, मुंडली, रणोदिया सहित कई गांव के खेतो में पहुंचकर किसानों से जानकारी ली.


किसान बेबस और लाचार
वहीं किसानों ने बताया कि बड़ी मुश्किल से फसलों को तैयार किया गया है. इस समय खेतों में फसलें पकी हुई खड़ी है. मगर प्रकृति की मार ऐसी है कि किसान बेबस और लाचार हो गया है. तहसीलदार अरुण कुमार सिंह ने बताया कि जिला कलेक्टर कोटा के निर्देश पर इटावा क्षेत्र में बारिश और ओलावृष्टि से खराब हुई फसलों का मौके पर जाकर जायजा लिया गया. किसान को कितना नुकसान हुआ है इसके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है.


ओले गिरने से तापमान में भी गिरावट
बूंदी जिले के कई गांवों में शनिवार देर रात जमकर बरसात हुई, किसानों के चेहरे पर इस बरसात ने चिंता की लकीरे ला दी, खड़ी फसल को नष्ट होता देख किसान मायूस हो गए. ओलावृष्टि ने तो फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया है. जबकी कोटा जिले के इटावा उपखंड क्षेत्र में पश्चिमी विक्षोभ के कारण दूसरे दिन भी रुक-रुक कर बारिश का दौर चला. 


झालावाड के कई गांवों में भी ओलावृष्टि 
इससे पहले शुक्रवार शाम को क्षेत्र के ख्यावदा, मुगेना, नलवता, बिजवता, ढीपरी चम्बल, निमोला, मियाना, शेरगढ़, बेजपुर, रनोदिया, गणेशगंज गांवों में कही चने तो कही उससे बड़े आकार की ओलावृष्टि हुई थी. ऐसे में फसलों की तबाही के लिए अब किसान सरकार से आस लगाए बैठे हैं. यही हाल कनवास क्षेत्र में भी है तो झालावाड के कई गांवों की फसलें भी ओलावृष्टि की भेंट चढ गई है.


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