Rajasthan News: बायतु से कांग्रेस के विधायक हरीश चौधरी को शुक्रवार को कांग्रेस ने एक बड़ी जिम्मेदारी दी है. जिसकी चर्चा राजस्थान के सियासत में खूब हो रही है. पहली बार राजस्थान से कांग्रेस के किसी विधायक को साउथ में लोकसभा चुनाव की बड़ी जिम्मेदारी दी गई है. दरअसल, हरीश चौधरी के बहाने कांग्रेस दक्षिण में किसानों को खुश करना चाहती है. पंजाब में कांग्रेस के लंबे समय तक प्रभारी रहने वाले हरीश चौधरी से पार्टी ज्यादा उम्मीद रख रही है और भरोसा जता रही है. 


एक तरह जहां राजस्थान में हरीश चौधरी को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने की चर्चा थी.वहीं अब उन्हें लोकसभा चुनाव तक दक्षिण में व्यस्त कर दिया गया है. 


हरीश चौधरी को बनाया स्क्रीनिग कमेटी का चेयरमैन
पूर्व मंत्री व बायतु विधायक हरीश चौधरी को साउथ के चार राज्य और दो केंद्र शासित प्रदेशों में लोकसभा उम्मीदवार चयन के लिए बनाई स्क्रीनिग कमेटी का चेयरमैन बनाया गया है. तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, लक्ष्यद्वीप और पुडुचेरी क्लस्टर का चेयरमैन बनाया गया है. ये वो राज्य हैं जहां पर कांग्रेस बेहद मजबूत है. तेलंगाना और कर्नाटक में कांग्रेस की पूर्ण बहुमत की सरकार है. यहां लोकसभा चुनाव के लिए हरीश चौधरी को बड़ी जिम्मेदारी दिए जाने के कई मायने निकाले जा रहे हैं. 


क्या हैं इसके मायने ? 
हरीश चौधरी को मिली इस नई जिम्मेदारी को लेकर उनके समर्थक बेहद खुश है. उनका कहना है कि यह तो एक बड़ा संकेत है कि आने वाले दिनों में हरीश चौधरी को कांग्रेस राजस्थान में बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है. प्रदेश अध्यक्ष से लेकर  नेता प्रतिपक्ष तक का सफर तय हो सकता है. जहां एक तरफ हरीश चौधरी लगातार अशोक गहलोत की सरकार में आंदोलन करते रहे वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी ने चुनाव खत्म होने के बाद हरीश चौधरी को बड़ी जिम्मेदारी दे दी है. चौधरी ऐसे नेता है जिन पर न तो अशोक गहलोत गुट का कोई ठप्पा है और न ही सचिन पायलट के गुट की कोई छाप है. ऐसे में उन्हें कांग्रेस पार्टी आगे बढ़ाना चाहती है. दरअसल, हरीश चौधरी लोकसभा सांसद और विधायक दोनों रह चुके हैं. ऐसे में कांग्रेस उन्हें एक सुलझे हुए नेता के तौर पर देख रही है.


यह भी पढ़ें: Riteshwar Maharaj Interview: 'वैचारिक स्तर पर उन्हें उन्नत होने की जरूरत...', राम मंदिर पर कांग्रेस के बयान पर बोले रितेश्वर महराज