Bharatpu Martyr: राजस्थान के भरतपुर जिले के नगर कस्बे के सुन्दरावली गांव के जीतराम गुर्जर पुलवामा हमले में शहीद हो गए थे. कश्मीर के पुलवामा हमले की मंगलवा को बरशी है। आज के ही दिन पुलवामा में जम्मू जा रही सेना की बस पर आतंकी हमला हुआ था. आईडी ब्लास्ट में सेना के 40 जवान शहीद हो गए थे. पुलवामा हमले में भरतपुर के लाल जीतराम गुर्जर भी शहीद हुए थे. 


पिता बोले, प्रदेश सरकार ने पूरे नहीं किये वादे
जीतराम गुर्जर की शहादत के समय तो सरकार के मंत्री तक उनके गांव पहुंचे थे. उन्होंने गांव जाकर सरकार की ओर से कई घोषणाएं भी कीं, लेकिन सरकार ने जो वादा किया, आज तक पूरा नहीं किया. शहीद जीतराम की याद में आज भी उनके मां-बाप की आंखें नम हो जाती हैं. उनका कहना है कि बेटे की शहादत पर तो उन्हें बहुत गर्व है, लेकिन कहीं न कहीं दिल में दर्द भी है कि बेटे की शहादत के बाद जो वायदे राज्य की कांग्रेस सरकार और मंत्रियों ने किए थे, उन पर अमल नहीं किया गया. 


भाई ने कहा, कॉलेज का भी नहीं हुआ नामाकरण 
शहीद के भाई विक्रम गुर्जर ने बताया कि भाई के शहीद होने के बाद जो पैकेज केंद्र सरकार द्वारा दिया गया, उससे घर की छत तो बन गई, लेकिन राज्य सरकार ने जो सरकारी नौकरी देने का वादा किया था, वह आज तक पूरा नहीं हुआ है. सरकार ने शहीद जीतराम के नाम से नगर कस्बे के कॉलेज का भी नामकरण करने का वायदा किया था, आज तक वह भी नहीं हुआ.


विक्रम ने बताया कि उस समय राजस्थान सरकार के मंत्री टीकाराम जूली व ममता भूपेश आये थे. उन्होंने सरकारी नौकरी देने का भरोसा दिलाया था, जिसकी घोषणा भी समाचार पत्रों में की कई गई थी. लेकिन, आज तक राज्य सरकार ने कोई नौकरी नहीं दी है. शहीद की मां गोपा देवी का आज भी बेटे की शहादत को याद करते हुए गला भर आता है.


शहादत के बाद लगा था जमावाड़ा
स्थानीय ग्रामीण और किसान नेता नैम सिंह फौजदार ने कहा कि 2019 में पुलवामा हमले में सैनिकों की गाड़ी पर हमले के दौरान नगर कस्बे के सुन्दरावली गांव के जीतराम गुर्जर शहीद हुए थे. उस समय नेताओं का जमावड़ा लगा था. कई घोषणाएं की गईं थीं, लेकिन चार साल बाद भी जो घोषणाएं नेता शहीद जीतराम की शहादत के दिन करके गए थे, पूरी नहीं हुईं. शहीद को सच्ची श्रन्दाजलि तभी होगी, जब वह घोषणाएं पूरी होंगी. सरकार जल्दी ही नगर कॉलेज का नाम शहीद के नाम पर करे और सरकारी नौकरी भी जल्द दी जाए.


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