Pakistani Hindu Migrants in India: 20वीं शताब्दी के शुरुआती दशक में विश्व के अधिकतर देश ब्रिटेन, फ्रांस, जापान और पुर्तगाल जैसे देशों के औपनिवेश थे. इसी दौरान पूरे विश्व में गुलामी और हिंसा से स्वतंत्रता पाने की हवा चली, जिसमें कई देशों का उदय हुआ. उन्हीं स्वतंत्रता पाने वाले देशों में 20वीं शताब्दी के विश्व के मानचित्र दो और देशों का उदय हुआ, जिनमें एक भारत तो दूसरा पाकिस्तान कहलाया. स्वतंत्रता मिलने से पहले ये दोनों एक देश के रुप में जाने जाते थे और अपनी विविधता और संपदा के लिए पूरे विश्व में मशहूर थे. स्वतंत्रता मिलने के बाद दोनों ही देशों ने अपने आप को एक लोकतांत्रिक देश के रुप में प्रतिस्थापित करने की कोशिश की.


अंग्रेजों से दो सौ सालों के बाद मिली स्वतंत्रता के बाद भारत ने पूरी मजबूती के साथ विश्व फलक पर के एक मजबूत लोकतांत्रिक देश के रुप पहचान बनाई. हालांकि पाकिस्तान ने स्वतंत्रता के कुछ सालों बाद यानि 1956 को स्वंय को लोकतांत्रिक देश के बजाय इस्लामिक रिपब्लिक आफ पाकिस्तान कर लिया, इसका सीधा मतलब ये हुआ कि 1956 ई. के बाद पाकिस्तान आधिकारिक रूप से एक विशेष धर्म यानि इस्लाम का प्रतिनिधित्व करता था. विश्व के दूसरे देशों की तरह पाकिस्तान के बहुसंख्यक समाज ने भी अल्पसंख्यक समाज का उत्पीड़न शुरु कर दिया. नतीजा ये हुआ कि स्वतंत्रता मिलने के पाकिस्तान में ही रहने वाले हिंदू, सिक्ख, क्रिश्चियन के साथ दूसरे धर्म के लोग जो वहां अल्पसंख्यक थे प्रवास करने पर मजबूर हो गए. 


पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समाज पर हो रही प्रताड़ना और उत्पीड़न का सबूत भारत सरकार को पाकिस्तान की लियाकत यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल एंड हेल्थ साइंसेज के डॉक्टर वीरजी लुंड ने दिये. पड़ोसी देश पाकिस्तान से पलायन करने वाले कुछ हिंदू परिवारों से राजस्थान के जोधपुर में एबीपी न्यूज ने बात की. ये परिवारों पाकिस्तान के बहुसंख्यक समाज के उत्पीड़न से त्रस्त थे. पीड़ित परिवार वालों के मुताबिक, अल्पसंख्यक समुदाय के लड़कियों के साथ रेप, जबरन धर्म परिवर्तन और उनकी प्रोपर्टी पर कब्जा कर लेना आम बात है. पुलिस और प्रशासन से शिकायत के बाद भी उनके मामलों पर कोई कार्रवाई नहीं होती है.  


पाकिस्तान की एक युवती चंदू का कट्टरपंथियों ने जबरन धर्म परिवर्तन करवाया. पीड़िता चंदू के परिवार वालों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन वहां पर उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई. इसी तरह बहुसंख्यक कट्टरपंथियों का शिकार हुआ एक और हिंदू महिला, जिसके साथ 12 दबंगों ने अपहरण कर सामूहिक दुष्कर्म किया. पड़ोसी मुल्क में अल्पसंख्यक समुदाय के साथ मानवता को शर्मसार करने वाली घटनाएं आम बात हो गई हैं. पाकिस्तान के सभी स्तरों की सरकारें वोट बैंक के खातिर ऐसे मामलों पर निष्क्रिय बनी रहती हैं. ये घटनाएं पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू सहित दूसरे अल्पसंख्यक समुदाय डर के साये में जी रहे हैं, यही कारण है कि वो पाकिस्तान से पलायन कर भारत आने को मजबूर हैं. पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय पर हो रहे अत्याचारों की कहानियां दिल दहलाने वाली हैं. 


शादीशुदा बहन को उठा ले गए, प्रशासन ने नहीं की कार्रवाई


पाकिस्तान से प्रताड़ित एक हिंदू परिवार पलायन कर जोधपुर पहुंचा. पीड़ित परिवार के मुखिया देवराज ने बताया कि वे अपनी पत्नी, बहन, बेटी की इज्जत बचाने के लिए भारत पहुंचे हैं. उन्होंने बताया कि उनकी शादीशुदा बहन ज्योति को पाकिस्तान में कट्टरपंथी उठा ले गए. मैंने परिवार के साथ मिलकर बहन को बचाने के लिए खूब कोशिश की लेकिन कट्टरपंथियों के आगे एक नहीं चली. देवराज ने बताया कि हम लोगों ने इसकी शिकायत पुलिस से भी की. पुलिस को शिकायत में सलीम खान, उस्मान खान, रमजान, रईस सहित 8 आरोपियों के नाम भी बताए. पुलिस ने बताया कि आपकी बहन का धर्म परिवर्तन हो गया. अब कुछ नहीं हो सकता है. पाकिस्तान में हिंदुओं की कोई सुनने वाला नहीं है, इसलिए अपनी 6 बेटियों और पत्नी की खातिर वीजा लेकर भारत आ गए. उन्होंने ये भी बताया कि पाकिस्तान में हम लोगों के बारे में किसी को पता चल जाता है तो वे लोग वहां रहने वाले रिश्तेदारों के साथ मारपीट करते हैं. 


बेटी के घर नहीं लौटने पर मौसी ने की आत्महत्या- विस्थापित पूजा


विस्थापितों के बस्ती में रहने वाली पूजा ने बताया कि हम लोग पाकिस्तान में घर में छुपकर रहते थे क्योंकि वहां पर गुंडागर्दी बहुत ज्यादा है. कट्टरपंथी बदमाश जैसे ही लड़की को देखते थे, उसको उठा ले जाते हैं. उन्होंने बताया कि पिछले साल मेरी मौसी की बेटी स्कूल गई थी, स्कूल से नहीं घर नहीं लौटी तो परिवार के लोगों के उसकी खोजबीन की. थक हार कर इसकी शिकायत पुलिस में  दर्ज कराई लेकिन पुलिस ने हमारी एक नहीं सुनी. पुलिस ने आखिर में कहा कि उसका धर्म परिवर्तन हो गया है, वह नहीं आएगी इस सदमे में मेरी मौसी नेआत्महत्या कर ली.


पूजा ने बताया कि पुलिस ने कट्टरपंथियों को मेरे परिवार के द्वारा की गई शिकायत के बारे में बता दिया. इसके बाद आरोपी रात को मेरे घर पर पहुंच गए. परिवार वालों के साथ मारपीट की. उन्होंने कहा कि मेरी 3 बच्चियां हैं, आज छोटी है वो भी कल बड़ी हो जाएंगी तो हमें भी ऐसी ही घटना का सामना करना पड़ेगा. इसलिए हम हमारे हम वतन भारत आए हैं. यहां पर मजदूरी करके इज्जत से रह सकते हैं. पूजा ने बताया कि भारत पहुंच कर यहां हमने दिन रात एक कर के पैसे इकट्ठे कर मकान बनाया, जिसको अतिक्रमण बताकर सरकार ने तोड़ दिया.


राखी को है मां का इंतेजार


7 साल की राखी अपने तीन भाई बहनों और रिश्तेदारों के साथ पाकिस्तान से भारत आई हैं. राखी की मां को बहुसंख्यक समाज के लोग उठा ले गए. अब भारत में चारों बच्चे अपने रिश्तेदार के साथ रह रहे हैं. छोटे मासूम बच्चों पर उस घटना का ऐसा खौफ छाया हुआ है कि बच्चे मायूस रहते हैं. राखी के मुताबिक वे अपने रिश्तेदार से पूछते हैं कि मेरी मां कहां है? उनके रिश्तेदारों ने बताया कि हम इसके बारे में कुछ नहीं बोल सकते लेकिन जितना हमें पता है कि अब उन बच्चों की मां का धर्म परिवर्तन हो गया है. अब वह कभी भी इन बच्चों के पास नहीं आएगी. यह बच्चे हमारे साथ ही रहेंगे यह कुदरत का फैसला है हमें मंजूर है.


1971 से पाकिस्तान से राजस्थान में 7 लाख हिंदू कर चुके पलायन


पाक विस्थापित भागचंद भील ने बताया कि पाकिस्तान में बहुसंख्यक समाज का हिंदू बहन बेटियों पर इतना आतंक है कि जबरन उठाकर ले जाते हैं और धर्म परिवर्तन करवाते हैं. वे लोग कभी- कभी हैवान बन जाते हैं जहां एक महिला के साथ कई लोग सामूहिक दुष्कर्म करते हैं. पाकिस्तान में बहुसंख्यक समाज के उत्पीड़न का दंश झेल रहे कई परिवार पाकिस्तान छोड़कर भारत आ रहे हैं. सीमांत लोक संगठन के संयोजक हिंदू सिंह सोढा ने बताया कि हमारे संगठन की स्टडी के अनुसार 1971 से अब तक 7 लाख से अधिक पाक हिंदू विस्थापित करके राजस्थान आए हैं. यह सिलसिला अभी भी जारी है. हिन्दू सिंह सोडा ने सरकार से विस्थापितों के हितों की रक्षा की मांग करते हुए कहा कि सरकार को इन हिंदू पाक विस्थापितों के जीवन यापन के लिए कदम उठाए.


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