Kota News Today: केंद्रीय विदेश राज्य एवं संस्कृति मंत्री मीनाक्षी लेखी (Meenakashi Lekhi) और गांव की महिलाओं ने खेतों में ड्रोन उड़ाया. इस दौरान ग्रामीणओं ने उनका हौसला बढ़ाया. ग्रामीणों ने इस दृश्य को बढ़ते भारत की तस्वीर बताई. 'नमो ड्रोन दीदी योजना' के तहत कृषि ड्रोन लोकार्पण और हस्तांतरण कार्यक्रम कोटा जिले के गड़ेपान गांव में आयोजित किया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम को संबोधित किया. 


इस मौके पर केंद्रीय विदेश राज्य एवं संस्कृति मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कार्यक्रम में शिरकत की. इस अवसर पर राजस्थान, पंजाब, हिमाचल और उत्तराखंड की 56 नमो ड्रोन दीदीयों को ड्रोन और प्रमाण पत्र सौंपे गए. कार्यक्रम के दौरान लखपति दीदीयों को भी प्रमाण पत्र सौंपे गए.


'अनूठी पहल से बेटियां आगे बढ़ेंगी तो देश आगे बढ़ेगा'
केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने बताया कि सशक्त नारी विकसित भारत कार्यक्रम के तहत 'नमो ड्रोन दीदी' और 'लखपति दीदी' पहल के जरिये विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के बीच आर्थिक सशक्तिकरण और वित्तीय स्वायत्तता को बढ़ावा देना है. यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूर दृष्टि, महिला सशक्तिकरण और सशक्त भारत बनाने की दिशा का अभिन्न अंग है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की महिलाओं के स्वावलंबन के लिए की गई इस अनूठी पहल से बेटियां आगे बढ़ेंगी तो देश आगे बढ़ेगा. 


मीनाक्षी लेखी ने कहा कि विकसित भारत की नींव बेटियां ही रखेंगी. कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने भी हाथ में रिमोट थामा और ड्रोन उड़ाया. इसके अलावा उन्होंने ड्रोन उड़ा रही महिलाओं का तालियां बजाकर हौसला बढ़ाया. उन्होंने चार राज्यों से आई ड्रोन दीदियों को लाइसेंस सौंपे जो विभिन्न उर्वरक कंपनियों जैसे चम्बल फर्टिलाईजर्स, इफको, आईपीएल और पीपीएल द्वारा अलग-अलग राज्यों से बुलाई गई थीं.


ड्रोन के जरिये खेतों में नैनो यूरिया का छिड़काव
महिलाओं ने एक साथ आकाश में ड्रोन उड़ाकर प्रदर्शन किया कि इस योजना से किस तरह खेतों में नैनो यूरिया का छिड़काव किया जाएगा. उपस्थित अतिथियों और ग्रामीणों ने तालियां बजाकर प्रोत्साहित किया. चम्बल फर्टिलाईजर्स एंड केमिकल्स लि. के सेल्स एंड मार्केटिंग वाईस प्रेसिडेंट आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि ड्रोन दीदी स्कीम के जरिए महिलाओं को सशक्त बनाना सरकार की पहली प्राथमिकता है. 


उन्होंने कहा कि इससे कृषि क्षेत्र में उत्पादकता और दक्षता में बढ़ोतरी होने के आसार हैं. यह स्कीम कृषि कामों जैसे तरल उर्वरक और पेस्टीसाइड्स के कुशल उपयोग में सहायक साबित होगी और इसके इस्तेमाल से कृषि लागत में कमी आएगी.


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