Madan Dilawar on Kota Student Suicide Cases: राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर (Madan Dilawar) ने सोमवार को कहा कि कोचिंग करने वाले छात्रों की आत्महत्या के लिए केवल संस्थानों को दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए क्योंकि उनके माता-पिता और मित्र मंडली भी आत्महत्या के मामलों में योगदान करते हैं. उन्होंने कहा, 'कोचिंग संस्थानों की ओर से कुछ प्रतिशत दबाव हो सकता है… लेकिन इसमें से अधिकांश दबाव माता-पिता और उसके मित्र मंडली का भी होता है.'


राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा, ‘‘हर मामले में कोचिंग संस्थान ही दोषी हो, ऐसा नहीं है. कुछ प्रतिशत मामलों में ऐसा हो सकता है. आत्महत्या के पीछे अन्य कारण भी हो सकते हैं.’’ शिक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘छात्रों के आत्महत्या के मामले में मां-बाप भी दोषी हैं. छात्र की संगत भी दोषी है. कई बार वे गलत संगत में पड़ जाते हैं. प्रेस प्रसंग में विफल होना भी एक कारण हो सकता है.’’


'माता-पिता की भी होती है गलती'- शिक्षा मंत्री
मदन दिलावर ने कहा, ‘‘माता-पिता अपने बच्चों से उनकी क्षमता से अधिक उपलब्धि हासिल करने की उम्मीद करते हैं. ऐसे में केवल कोचिंग संस्थानों को ही दोष नहीं दिया जाना चाहिए.’’ 


मालूम हो, हाल के दिनों में कोचिंग करने वाले छात्रों के आत्महत्या के कई मामले सामने आए. देशभर से लाखों छात्र कोटा के कोचिंग संस्थानों में मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों की प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी करते हैं.


क्षमता से ज्यादा न कर पाने से निराश होते हैं बच्चे
शिक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘मां-बाप अपने बेटे से हमेशा ये अपेक्षा करते हैं कि उसकी जो क्षमता है पढ़ने या सीखने की वह उसे ज्यादा लक्ष्य हासिल करे लेकिन वह क्षमता से ज्यादा नहीं कर पाता. जब भी परीक्षा होती है, हर बार पूछते हैं कोन सी रैंक रही? पूरी कोशिश करने के बाद भी अगर शीर्ष रैंक में नहीं आता तो वह आखिर में सॉरी लिखकर आत्महत्या कर लेता है.’’


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