Indian Railways: पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा मंडल में मिशन रफ्तार का कार्य तेज गति से चल रहा है. मकसद ट्रेनों को सुरक्षित और यात्रियों की यात्रा आसान बनाना है. मिशन रफ्तार प्रोजेक्ट का कार्य तीन भागों में विभाजित किया गया है.


मथुरा-गंगापुर सिटी 152 किलोमीटर, गंगापुर सिटी-कोटा 172 किलोमीटर और कोटा-नागदा 221 किलोमीटर शामिल हैं. मिशन रफ्तार प्रोजेक्ट का कार्य जुलाई, 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य है. नागदा-मथुरा खण्ड में प्रोजेक्ट की लागत कुल 2665 करोड़ रुपये है.


मिशन रफ्तार प्रोजेक्ट के प्रथम चरण में मथुरा-गंगापुर सिटी खण्ड का कार्य मार्च, 2024 तक, दूसरे चरण में गंगापुर सिटी-कोटा खण्ड का कार्य मई, 2024 तक और अंतिम चरण में कोटा-नागदा खण्ड का कार्य जुलाई, 2024 तक शामिल है. इसके बाद ट्रेनों की रफ्तार बढ जाएगी. रेलवे के प्रोजेक्ट में तीन विभाग इलेक्ट्रिकल, संकेत एवं दूरसंचार और इंजीनियरिंग की मदद शामिल है. प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद अब रेल की पटरी पर जानवर नहीं दिखेंगे. ट्रेन को 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलाया जा सकेगा.


कोटा मंडल में मिशन रफ्तार का कार्य जारी


मवेशियों को ट्रैक पर आने से रोकने के लिए दोनों तरफ वाउंड्री वाल लगाने का कार्य, कवच प्रणाली, कर्व को कम करने एवं ओएचई का कार्य शामिल है. इंजीनियरिंग विभाग अब तक 545 किलोमीटर की दूरी में नागदा से मथुरा ट्रैक के दोनों तरफ वाउंड्री वाल लगाने का कार्य 80 प्रतिशत पूरा कर चुका है, शेष 218 किमी का कार्य बचा है. ट्रैक के दोनों तरफ सुरक्षा के लिए वर्तमान में क्रैश वेरियर का कार्य तीव्र गति से किया जा रहा है.


तीन भागों में रेलवे प्रोजेक्ट को बांटा गया


वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक रोहित मालवीय ने बताया कि कवच प्रणाली के तहत ब्लाक सेक्शन में कवच टावर तथा 87 विद्युत लोको में कवच सिस्टम लगाया जा रहा है. 87 में से अब तक 54 लोको में कवच सिस्टम लग चुके हैं. साथ ही ओएचई का कार्य विद्युत विभाग की तरफ से मथुरा-गंगापुर सिटी खण्ड में लगभग पूरा हो चुका है. मंडल के अधिकारी मिशन रफ्तार परियोजना के तहत चल रहे कार्य की प्रगति की समीक्षा नियमित रूप से कर रहे हैं. 


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